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सिटी इण्टर कालेज मे हुआ भव्य आयोजन अंग अंगवस्त्रम के साथ तिलक लगाकर सम्मानित किये गये शिक्षक

बुलबुल पाण्डेय : गाजीपुर। भारत रत्न, प्रमुख शिक्षाविद,पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को भारत में शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर डी.ए.वी इंटर कॉलेज गाजीपुर के प्रांगण में विद्यालय के समस्त शिक्षकों को प्रबंध समिति डी.ए.वी इंटर कॉलेज एवं और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा की तरफ से जिलाध्यक्ष एवं प्रबंधक आदित्य प्रकाश आर्य ने सभी शिक्षकों को चंदन तिलक कर ,अंगवस्त्रम् प्रदान कर उनको सम्मानित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री आर्य ने कहा कि जिस प्रकार सूर्य जलकर पूरे संसार को प्रकाशित करता है उसी प्रकार अनेकों कष्ट उठाकर भी एक शिक्षक समाज के हर एक विद्यार्थी को शिक्षित कर मनुष्य के अंदर मानवता का निर्माण करता है। अगर शिक्षक न हो तो राष्ट्र का निर्माण ही संभव नहीं हो सकता। अतः समाज के हर एक व्यक्ति को शिक्षक का सम्मान करना ही चाहिए। क्योंकि बिना शिक्षक के किसी राष्ट्र की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती।

विद्यालय के प्रवक्ता प्रांशु कुमार उपाध्याय ने कहा कि हम ईश्वर से बल बुद्धि विद्या की कामना करते हैं वह परमात्मा इतना दयालु है कि शिक्षक के माध्यम से हमें हमारे प्रार्थना के रूप मांगी गई बल बुद्धि विद्या को प्राप्त कराता है। लेकिन प्रभु का शर्त यह होता है कि बिना परिश्रम के तुम मुझसे कुछ भी मांगोगे तो वह नहीं मिलेगा तुम जो भी मुझसे प्राप्त करना चाहते हो उसके लिए तुम्हें परिश्रम करना ही होगा। इसी क्रम में विद्यालय के शिक्षक डॉ संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि शिक्षक एक कुंम्हार की तरह होता है और बालक एक कच्चे घड़े की तरह जिस प्रकार एक कुम्हार कच्चे घड़े को ठोक ठाक कर सही करता है।

उसी प्रकार एक शिक्षक बालकों के अंदर से कमियों को दूर करके उसे एक अच्छा मनुष्य बनाने का पूर्ण प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन काल में मैकाले ने जो शिक्षा में परिवर्तन करके यह बतलाने का प्रयास किया कि भारतीय शिक्षा यूरोप में पड़ी अलमारी में रखी कुछ पुस्तकों के तुल्य ही है । ऐसी दशा में भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारतीय साहित्यों दर्शनों उपनिषदों और वेदों के माध्यम से पूरे संसार को यह बताया की भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति और सबसे उत्कृष्ट ज्ञान विज्ञान पर आधारित है।

अभी इसरो के वैज्ञानिकों ने यह घोषणा कर दी की सरा विज्ञान वेदों से निकला हुआ है जो अरब देशों से होते हुए यूरोप में गया । जिसे अंग्रेजों ने अपने नाम से प्रचारित किया। इस अवसर पर संतोष कुमार वर्मा, अलकेंद्र राय, धर्मेंद्र जायसवाल चंद्रमणि आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य हरिशंकर शर्मा ने सभी शिक्षकों की तरफ से प्रबंध समिति के सभी लोगों का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।

स्टार न्यूज टेलिविज़न

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