DelhiNewsताज़ा तरीन खबरें

सात नवंबर को अगली सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट ने केरल के मुख्य सचिव को दी राहत, राज्यों को लगाई फटकार

आवारा कुत्तों का मामला

वीना टंडन
नई दिल्ली, ।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के नियंत्रण से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान केरल सरकार के मुख्य सचिव को पेशी से छूट प्रदान की और यह संज्ञान लिया कि राज्य के प्रधान सचिव अदालत में उपस्थित हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड को भी पक्षकार बनाया जाए।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को अवगत कराया कि अधिकांश राज्यों ने इस मामले में अपने अनुपालन हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। इसके बाद पीठ ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी।

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की प्रत्यक्ष उपस्थिति आवश्यक नहीं है, लेकिन अगर आदेशों के अनुपालन में किसी प्रकार की चूक पाई गई, तो उन्हें फिर से अदालत में उपस्थित होना पड़ेगा।

🔹 कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में कड़ी नाराजगी जताई थी। अदालत ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को पेश होकर यह बताने का आदेश दिया था कि 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया।

पीठ ने यह भी कहा था कि पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के पालन को लेकर राज्यों की लापरवाही अस्वीकार्य है। अदालत ने साफ शब्दों में कहा था कि ‘‘इस तरह की ढिलाई से विदेशों में देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है।’’

🔹 हलफनामा दाखिल न करने वाले राज्यों को फटकार

अदालत ने उन राज्यों को फटकार लगाई जिन्होंने समय पर अनुपालन हलफनामा दाखिल नहीं किया था। न्यायालय ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और मुख्य सचिवों को अदालत के समक्ष आकर जवाब देना होगा कि अब तक आदेशों पर अमल क्यों नहीं हुआ।

🔹 कोर्ट ने बढ़ाया मामले का दायरा

सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले का दायरा केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित रखा था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक विस्तारित कर दिया। अदालत ने नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे एबीसी नियमों के पालन से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिसमें कुत्तों के लिए बनाए गए बाड़े, पशु चिकित्सकों की संख्या, पकड़ने वाले कर्मियों और वाहनों-पिंजरों की जानकारी शामिल हो।

पीठ ने यह भी कहा था कि एबीसी नियमों का पालन पूरे देश में एक समान रूप से किया जाना चाहिए।

🔹 मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 28 जुलाई से कर रहा है, जब उसने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था। उस रिपोर्ट में दिल्ली और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों के हमलों से बच्चों में रेबीज फैलने की घटनाओं का उल्लेख किया गया था।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button