
योगी सरकार के फैसले पर इलाहबाद हाई कोर्ट ने लगाई मुहर रूकने लगी मलाई काटने वाले गुरजी की सासे ?
स्टार न्यूज़ टेलीविजन
राकेश पाण्डेय
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को बड़ी राहत दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश के 5000 स्कूलों के मर्जर पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यानी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है। 51 बच्चों ने याचिका दायर की थी और मर्जर पर रोक लगाने की मांग की थी।
*सरकार ने क्या फैसला लिया था?*
बता दें कि 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को पास के संस्थानों के साथ जोड़ने का फैसला किया गया था। जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने शुक्रवार को कृष्णा कुमारी और अन्य द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने राज्य सरकार के 16 जून के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता एल पी मिश्रा और गौरव मेहरोत्रा ने तर्क दिया था कि राज्य सरकार की कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 21A का उल्लंघन करती है, जो 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार की गारंटी देता है। उन्होंने तर्क दिया कि निर्णय के कार्यान्वयन से बच्चे अपने पड़ोस में शिक्षा के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके बजाय अधिक छात्रों को आकर्षित करने के लिए स्कूलों के मानक को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।