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एमसीडी ने ‘वेस्ट टू आर्ट’ के तहत भारत के इतिहास को दर्शाते हुए 4.5 एकड़ में शहीदी पार्क को तैयार किया है- अरविंद केजरीवाल

10 कलाकारों और 700 करीगरों ने 250 टन स्क्रैप का इस्तेमाल कर छह महीने में विकसित किया है शहीदी पार्क

नई दिल्ली, (सुषमा रानी)08 अगस्त अगर आप भारत की संस्कृति और इतिहास के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो आईटीओ के पास विकसित शहीदी पार्क देखने जरूर जाएं। दिल्ली नगर निगम ने भारतीय इतिहास को समेटते हुए 4.5 एकड़ में शहीदी पार्क को विकसित किया है, जहां प्रचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास की झलक पेश करती हुई बहुत ही सुंदर कलाकृतियां देखने को मिलेंगी। इस पार्क को 10 कलाकारों और करीब 700 करीगरों ने छह महीने तक अथक प्रयास से वेस्ट टू आर्ट के तहत तैयार किया है और इसमें करीब 250 टन स्क्रैप का इस्तेमाल किया गया है। मंगलवार को एलजी वीके सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल ने पार्क का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने पार्क को विकसित करने वाले सभी अफसरों, इंजीनियरों और कारीगरों को बधाई देते हुए कहा कि यह अद्भुत पार्क है। ऐसे ही हम सबको मिलकर अपनी दिल्ली भी साफ-सुथरी बनानी है। साफ-सुथरी दिल्ली बनाने के लिए एमसीडी कई प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसके नतीजे भी दिखाई देंगे।

शहीदी पार्क के उद्घाटन समारोह की शुरूआत शाम करीब छह बजे हुई। समारोह का उद्घाटन करने के बाद एलजी वीके सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूरे शहीदी पार्क का भ्रमण किया। इस दौरान पार्क पर बनी एक फिल्म की प्रस्तुति भी की गई। इस दौरान एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय, डिप्टी मेयर, एमसीडी के सभी अधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने शहीदी पार्क को बनाने वाले सभी इंजीनियर, अफसर ओर कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत ही अद्भुत पार्क है। पिछले साल अगस्त महीने में ही एलजी साहब ने शहीदी पार्क की अधारशिला रखी थी। एक साल के अंदर यह पार्क बनकर तैयार हुआ है। इस पार्क में अपने देश की संस्कृति और इतिहास को बहुत ही सुंदर तरीके से कचरे से बनाकर प्रदर्शित किया गया है, जो बहुत ही अद्भुत है। जब हम चंडीगढ़ जाते हैं, तो लोग रॉक गार्डेन देखने जाने की सलाह देते हैं। चंडीगढ़ रॉक गार्डेन के नाम से मशहूर है। आने वाले दिनों में दिल्ली भी शहीदी पार्क के नाम से मशहूर हो जाएगी। दिल्ली कोई आएगा तो वो लालकिला, कुतुबमीनार के साथ ही शहीदी पार्क भी देखकर जाएगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पार्क में भारत के इतिहास को बहुत ही अच्छे तरीके से दर्शाया गया है। ऐसे में हमें दिल्ली के सभी स्कूलों के बच्चों के लिए शहीदी पार्क को देखना आवश्यक कर देना चाहिए। एक-एक हर स्कूल के बच्चों को शहीदी पार्क में निःशुल्क देखेने के लिए लाया जाना चाहिए। इससे नगर निगम की आय भी बढ़ेगी और बच्चों को भी फायदा होगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम बहुत अच्छा काम कर रहा है। अब नगर निगम से बहुत सारी और भी उम्मीदें हैं। दो चीजें हैं, जिसको लेकर नगर निगम से लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। पहला, दिल्ली की सफाई और दूसरा भ्रष्टाचार को खत्म करना है। नगर निगम को हमेशा फंड की कमी रहती है। नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के प्रयास शुरू हो गए हैं और काफी तेजी से प्रयास हो रहे हैं। मैं समझता हूं कि अगर हमने नगर निगम में भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया तो आने वाले कुछ वर्षों के अंदर नगर निगम निगेटिव से पॉजिटिव यानी मुनाफे में चला जाएगा और फंड की कमी नहीं होगी। मुझे बताया गया है कि वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही में नगर निगम का कलेक्शन पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ा है। अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले समय में नगर निगम का काफी ज्यादा रेवेन्यू बढ़ सकता है। दिल्ली सरकार की ओर से जितना हो सकेगा, फंड देकर नगर निगम को मदद करेंगे।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता उम्मीद करती है कि दिल्ली देश की राजधानी है। राजधानी जैसी दिल्ली चाहिए। जितना साफ-सुथरा और सुंदर शहीदी पार्क बनाया है, उतनी ही साफ सुथरी और सुंदर पूरी दिल्ली बनानी है। इसमें नगर निगम के साथ ही जनता की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। जनता को भी दिल्ली की सफाई में सहभागी बनना है। मुझे बताया गया है कि दिल्ली को साफ करने के लिए नगर निगम कई सारे प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि बहुत जल्द दिल्ली के लोगों को सफाई के क्षेत्र में भी नगर निगम के नतीजे दिखाई देने लगेंगे।

*दिल्ली के लोग यहां आकर पूरे देश का इतिहास देखें- डॉ. शैली ओबरॉय*

इस दौरान एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि शहीदी पार्क को विकसित करने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। यह पार्क हमारे इतिहास को दर्शाता है। यहां पर देश के निर्माताओं और आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों का बलिदान देखने को मिलता है। दिल्ली के लोग यहां आकर पूरे देश का इतिहास देखें। नगर निगम का काम साफ सफाई से लेकर शिक्षा तक का है। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में साफ सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं को विश्वस्तरीय किया जाएगा। दिल्ली नगर निगम आगे भी इसी तरह काम करता रहेगा। दिल्ली सरकार के मॉडल को एमसीडी में लागू किया जाएगा।

*भारत के गौरवमयी इतिहास को खुद में समेटे हुए है शहीदी पार्क*

शहीदी पार्क का शिलान्यास एलजी विनय कुमार सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में हुआ। शहीदी पार्क को आईटीओ के पास करीब 4.5 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है। इस पार्क की खासियत ये है कि यह पार्क भारत के गौरवमयी इतिहास को अपने अंदर समेटे हुए है। इस पूरे पार्क लगी कलाकृतियों में वेस्ट मेटिरियल लोहे के खराब सामान, बिजली के खम्भे, पुरानी कारें, ट्रक, पार्को की ग्रिल, ऑटो मोबाइल पार्ट और पाईप समेत अन्य वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया है। इन कलाकृतियों को 10 कलाकारों और करीब 700 कारीगरों ने मिलकर करीब छह महीने में विकसित किया है। इस पार्क के निर्माण कार्य में 250 टन से अधिक स्क्रैप का इस्तेमाल किया गया है। पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए चम्पा,, फाइकस बैनजामिना, फरकेरिया, ऐरिका पॉम, सिंगगोनियम समेत अन्य प्रजाति के 56 हज़ार पेड़-पौधे लगाए गए हैं। इस पार्क में आगंतुकों के लिए विभिन्न सेवाओं का प्रबन्ध किया गया है। इसमें स्मारिका की दुकानंे व फूड कियोस्क आदि शामिल है। पार्क को 9 भागों और 3 चित्रशालाओं में बांटा गया है।

शहीदी पार्क में प्रवेश करने के साथ ही आपका भारत के गौरवमयी इतिहास से परिचय की शुरूआत हो जाएगी। प्रवेश करने के साथ ही आप शकुंतला पुत्र भरत और भारत माता की विशाल मूर्ति से रूबरू होंगे। इसके बाद आपको बीसी 315 से एडी 1044 तक के भारत के स्वर्णिम युग की झलक देखने को मिलेगी। इसमें आपको राजा पोरस, चाणक्य-चंद्रगुप्त, सम्राट अशोक, समुन्द्रगुप्त, राजा हर्षवर्धन, मिहिर भोज, और राजेंद्र चोला की मूर्तियां देखने को मिलेंगी।

भारत के स्वर्णिम युग की झलक पेश करने के बाद शहीदी पार्क में भारत के वीर सपूतों की विदेशी आक्रमण के खिलाफ लड़ाई की कई कलाकृतियां देखने को मिलेंगी। महाराणा हमीर देव, राणा कुम्भा, हरिहर बुक्का, राणा सांगा, हेमू, राजा छत्रसाल, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप और महाराजा सूरजमल की मूर्तियां आपको विदेशी आक्रांताओं के साथ हुए युद्ध से रूबरू कराएंगी। अब आगे आप माराठा सम्राट (1282 से 1763 एडी) से परिचित होंगे। यहां आपको छत्रपति शिवाजी, सम्भा जी महाराज, साहूजी महाराज, बालाजी विश्वनाथ, पेशवा, बाजीराव सदाशिव राव भोसले, महादाजी सिंधिया के इतिहास के बारे में जानने को मिलेगा। इसके बाद सिख सम्राट (1670 से 1839 एडी) के बारे में जानने को मिलेगा। यहां बंदा बहादुर, बाबा दीप सिंह, जस्सा सिंह, मइबग्गो, महाराजा रणजीत सिंह और हरि सिंह नालवा के इतिहास से परिचित होंगे।

इन चरणों से आगे बढ़ते हैं, तो आपको प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम (1818 से 1858 एडी) से परिचय कराया जाएगा। इसमें रानी चेनम्मा, अहोम विद्रोही, मंगल पांडेय, लक्ष्मी बाई, तत्वा टोपे, वीर कुंवर सिंह की कलाकृतियां देखने को मिलेगी। इसके बाद जन आंदोलन संस्कृति व समाजिक जागरण और स्वदेशी आंदोलन (1770 से 1990) के बारे में जानने को मिलेगा। यहां आपको सन्यासी विद्रोह, आदिवासी विद्रोह, राजा राम मोहन राय, स्वामी दयानंद, ईश्वर चंद्र विद्या सागर, गोविंद राव फूले, बिरसा मुंडा और स्वामी विवेकानंद के बारे में जानने को मिलेगा।

आगे बढने पर क्रांतिकारी आंदोलन के प्रथम चरण (1869 से 1947) के इतिहास के बारे में जानने को मिलेगा। यहां आपको चपेकर बंधुलाल, बालपाल, खुदीराम बोस, सावरकर, रास बिहारी बोस, महात्मा गांधी की कलाकृतियां देखने को मिलेंगी। वहीं, क्रांतिकारी आंदोलन के दूसरे चरण के तहत चंपारण आंदोलन, जलियावाला बाग, आईएनए, काकोरी कांड समेत अन्य इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी।

स्वतंत्रता तक के इतिहास से रूबरू होने के बाद आपको भारतीय संविधान के निर्माताओं और विभिन्न रियासतों का भारत में विलय की कहानी के बारे में जानने का मौका मिलेगा। यहां आपको पंडित जवाहर लाल नेहरू, संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्तियां और इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी।

शहीदी पार्क में एक खास सेक्शन भी बनाया गया है। उपरोक्त सभी नायकों से परिचित होने के बाद आपको भारत के स्वाधीनता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बच्चे, महिलाओं और कवियों के बारे में जानकारी दी गई है। इसमें झलकारी बाई, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, क्वैली मंतांगनी हजारी, भीकाजी कामा, तारा रानी बिनदास, रानी गाइदिन्ल्यू, कनकलता बरूआ, कवि रविंद्र नाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चटर्जी, वैनकेया, सुब्रह्मण्य भारती, माखन लाल चतुर्वेदी, श्याम लाल गुप्ता, ज्योति प्रसाद अग्रवाल और रामधारी सिंह दिनकर समेत अन्य कवियों की मूर्तियां देखने मिलेंगी। इसके अलावा, बाल चरित्र के रूप में बालक शंकराचार्य, शिवाजी संग जीजाबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, एपीजे अब्दुल कलाम और शहादत दिवस से संबंधित कुछ मूर्तियां देखने को मिलेंगी। साथ ही, भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्धों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। जहां इंडो-पार्क युद्ध, कांगो संकट, इंडो-चाइना युद्ध, पोरखरण एक व दो और परमवीर चक्र से सम्मानित शहीदों के बारे में भी जानकारी दी गई है।

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