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जामिया हमदर्द में तीसरा हकीम अब्दुल हमीद मेमोरियल लेक्चर आयोजित

नई दिल्ली, 16 जनवरी: जामिया हमदर्द के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आज सपोर्ट सोसाइटी के तत्वावधान में तीसरा हकीम अब्दुल हमीद मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम अकादमिक, बौद्धिक और चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण और अर्थपूर्ण अवसर साबित हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य हकीम अब्दुल हमीद की उत्कृष्ट सेवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करना और उनकी सोच और दृष्टिकोण को नई पीढ़ी तक पहुंचाना था।

कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज उजैर बकाई द्वारा कुरान पाक की तिलावत से हुई, जिसके बाद सैयद मुनीर अज़मत ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। इस यादगार समारोह के मुख्य वक्ता प्रसिद्ध विद्वान डॉ. मोहम्मद रज़ी-उल-इस्लाम नदवी थे। उन्होंने हकीम अब्दुल हमीद के जीवन, उनके बौद्धिक योगदान और उनके दृष्टिकोण पर विस्तार से प्रकाश डाला।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. योगिता मंजल ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अन्य वक्ताओं में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी श्री ताज हसन, प्रोफेसर सईद अहमद, “माटी” के संयोजक आसिफ आज़मी, और प्रोफेसर आसिम अली खान (सीसीआरयूएम के पूर्व महानिदेशक) शामिल थे। इन सभी ने हकीम अब्दुल हमीद के यूनानी चिकित्सा, शिक्षा, और सामाजिक सेवाओं में दिए गए योगदान पर विस्तृत चर्चा की।

इस अवसर पर एक नई पुस्तक का विमोचन किया गया और विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया, जिससे कार्यक्रम की महत्ता और बढ़ गई।

जामिया हमदर्द के कुलपति प्रोफेसर एम. अफशार आलम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने हकीम अब्दुल हमीद की सेवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और जामिया हमदर्द की भूमिका और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की एक खास विशेषता सपोर्ट सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अजलम अख़लाक का भाषण था, जिसमें उन्होंने सोसाइटी के चार उत्कृष्ट छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। यह कदम युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का एक शानदार उदाहरण है।

सपोर्ट सोसाइटी 2022 से हकीम अब्दुल हमीद मेमोरियल लेक्चर की परंपरा को बनाए हुए है। यह लेक्चर यूनानी चिकित्सा के प्रचार-प्रसार, हकीम अब्दुल हमीद के दृष्टिकोण, और सामाजिक कल्याण में उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. मोहम्मद खालिद और उनकी टीम के सदस्यों, जिनमें सैयद मुनीर अज़मत, नाज़िश एहतेशाम आज़मी और मोहम्मद जलीस शामिल थे, को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी गई।

यह आयोजन न केवल हकीम अब्दुल हमीद की शैक्षणिक, चिकित्सा, और सामाजिक सेवाओं को याद करने का अवसर था, बल्कि उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए एक आदर्श मंच भी प्रदान करता है, जिससे अकादमिक और शोध जगत में गहरी रुचि उत्पन्न हुई।

कार्यक्रम में जामिया हमदर्द, आयुर्वेद और यूनानी तिब्बिया कॉलेज, और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों और शिक्षकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिससे इस आयोजन की गरिमा और अधिक बढ़ गई।

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