सरकार बारिश से मरने वाले परिवारजनों की 1 करोड़ का मुआवजा तुरंत दे- आतिशी सोशल मीडिया पर बयान देकर पल्ला नही झाड़ सकती – देवेन्द्र यादव
सुषमा रानी
नई दिल्ली, 1 जुलाई, – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि राजधानी में जल भराव के कारण हुई मौतें हादसा नही हत्या है। सरकार में बैठे वो लोग इन हत्याओं के असली गुनहगार है जो अपने हित और स्वार्थ सिद्धि के लिए डूबती दिल्ली को देख रहे है और इस विनाश पर अगर विपक्ष सवाल पूछ रहा है तो सत्ताधारी दल नूरा कुश्ती कर रहे है। मंत्री आतिशी द्वारा सोशल मीडिया पर एक नोट सार्वजनिक करके अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है जबकि पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण 11 मौतें हुई जिनमें बच्चे भी शामिल हैं।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार की मंत्री द्वारा बयान कि केवल डूबने से मरने वालों को ही सरकार मुआवजा देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस व अस्पताल की जांच को आधार बनाकर डूबने से हुई मौतों को छिपाने का प्रयास उसी तरह कर सकती है, जिस प्रकार कोविड महामारी में सरकारां ने बयान दिया कि आक्सीजन की कमी से कोई मौत नही हुई थी। उन्होंने मांग की कि सरकार कोविड से मरने वालों को 1 करोड़ मुआवजें की भांति बारिश के कारण मरने वालों के परिवारों को कम से कम 1 करोड़ का मुआवजा तुरंत दिया जाए।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि आज 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए जिनकी केन्द्र सरकार 14 फरवरी, 2024 को घोषणा की थी, यह कानून 1 जुलाई से लागू होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत दिल्ली पुलिस द्वारा ओवर ब्रिज के नीचे रेहड़ी पटरी लगाकर अजीविका चलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना केन्द्र सरकार द्वारा सीधा गरीब आदमी की रोजी रोटी पर हमला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा गरीब रेहड़ी पटरी, खोमचा वालों के संरक्षण और उनकी अजीविका को सुरक्षित रखने के लिए काम करती रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने रेहड़ी पटरी आजीविका तथा संरक्षण कानून 2014 बनाकर रेहड़ी पटरी वालों को संरक्षण दिया था। परंतु केन्द्र और राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण दिल्ली में रेहडी पटरी कानून लागू नही हो सका। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस जिस तरह हर रेहड़ी पटरी वालों से उगाही करती है वह किसी से छुपा नहीं है। आज रेहड़ी पटरी वाले पर हुई एफआईआर कहीं उगाही से जुड़ा मामला तो नहीं।