
लोकसभा में गूंजा वंदे मातरम, पीएम मोदी ने साधा कांग्रेस पर बड़ा निशाना
वीना टंडन
नई दिल्ली, स्टार न्यूज़ टेलिविजन।
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर आज लोकसभा में ऐतिहासिक चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से हुई। संसद में सांसदों ने वंदे मातरम का सामूहिक उच्चारण किया, जिसके साथ ही सदन का माहौल राष्ट्रभक्ति से सराबोर हो उठा। इस विषय पर कुल दस घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है।
सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अनुराग ठाकुर अपने विचार रखेंगे, जबकि विपक्ष की तरफ से गौरव गोगोई, प्रियंका वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, विमल अकोइजाम, प्रणति शिंदे, प्रशांत पाडोले, चामला रेड्डी और ज्योत्सना महंत बहस में हिस्सा लेंगे। चर्चा शूरू होने से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी राजनीतिक बयानबाज़ी ने माहौल गर्म कर दिया था।
वंदे मातरम: 150 साल की यात्रा, 100 साल पर ‘काला दौर’ — पीएम मोदी
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि “वंदे मातरम की 150 साल की यात्रा कई पड़ावों से गुज़री, लेकिन 100 साल पूरे होने पर देश इमरजेंसी की बेड़ियों में जकड़ा था। उस समय संविधान का गला घोंट दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि जब वंदे मातरम 50 साल का हुआ, तब देश गुलामी की जंजीरों में बंधा था और 100 साल पर इमरजेंसी ने लोकतंत्र को कैद कर दिया। “देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। यह हमारे इतिहास का सबसे काला अध्याय था,” पीएम ने कहा।
प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 1937 में वंदे मातरम के मुख्य छंद हटाकर विभाजन के बीज बोने की कोशिश की, जिसे लेकर सदन में तीखी प्रतिक्रिया देखने की संभावना जताई जा रही है।
वंदे मातरम ने आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा दी” — पीएम
पीएम मोदी ने वंदे मातरम को देश की आत्मा बताया और कहा—
“यह वही वंदे मातरम है जिसने 1947 में देश को आज़ादी दिलाई। आज़ादी की लड़ाई का भावनात्मक नेतृत्व वंदे मातरम के नारे ने किया। आज यहाँ हम सभी बैठे हैं, यह वंदे मातरम की प्रेरणा का ही परिणाम है।”
उन्होंने कहा कि यह 150वीं वर्षगांठ देश के गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर है। “त्याग और तपस्या का प्रतीक वंदे मातरम को याद करना हम सभी का सौभाग्य है,” पीएम ने कहा।
सदन में राष्ट्रभक्ति का माहौल, शुरुआत में ही जोरदार ‘वंदे मातरम’
पीएम मोदी के पहुंचते ही सदन वंदे मातरम के गगनभेदी नारे से गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत इस ऐतिहासिक अवसर को “भारतीय इतिहास का स्वर्णिम पल” बताते हुए की।
उन्होंने कहा कि यह वह समय है जब देश का इतिहास नए अध्याय लिख रहा है और संसद इस महत्त्वपूर्ण क्षण की साक्षी बनी है।
लोकसभा में वंदे मातरम पर यह व्यापक चर्चा न सिर्फ राजनीतिक टकराव का केंद्र बनी हुई है, बल्कि राष्ट्रगीत के 150 वर्षों के इतिहास को नए परिप्रेक्ष्य में समझने का भी अवसर प्रदान कर रही है।



