
लेखपाल लाल बिहारी की ईमानदारी, बहादुरी और दृढ़ संकल्प ने पीड़ित परिवार को दिलाया न्याय
लेखपाल अब्दुल्लाह,अलाउद्दीन आदि से कभी नहीं डरे और हमेशा सच्चाई और बहादुरी के रास्ते पर चले।
अब्दुल कादिर की रिपोर्ट
आजमगढ़, 16 नवंबर (संवाददाता)आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील के सीधा सुल्तानपुर गांव के एक पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने पर स्थानीय लेखपाल लाल बिहारी की ईमानदारी,बहादुरी और मानवता के प्रति ईमानदारी और ईमानदार कानूनगो राकेश कुमार पांडेय साहब,मौजूदा एसडीएम चंद्र प्रकाश सिंह साहब और मौजूदा तहसीलदार चमन सिंह साहब के कुशल नेतृत्व और ईमानदारी की क्षेत्र में काफी सराहना हो रही है।विवरण के अनुसार,सीधा सुल्तानपुर निवासी स्वर्गीय मुहम्मद हुसैन के गांव के ही भू–माफिया अलाउद्दीन,अब्दुल्लाह,नदीम और पप्पु आदि ने फर्जी तरीके से 115 सी के तहत मुकदमा दर्ज कर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई थी,जो मुहम्मद हुसैन के निधन के बाद भी उनके खिलाफ जारी रही। काफी समय बाद, तालाब की ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने वालों से प्रभावित हुए बग़ैर लेखपाल ने तुरंत मुहम्मद हुसैन का समर्थन किया और उनके पक्ष में सकारात्मक रिपोर्ट दर्ज की। इस मामले को लेकर मुहम्मद हुसैन के परिवार ने लेखपाल की प्रशंसा की और उन्हें एक नेकदिल, बहादुर,निडर और ईमानदार लेखपाल बताया। खबरों के अनुसार अलाउद्दीन, अब्दुल्ला पप्पू और नदीम ने लेखपाल पर काफी दबाव बनाकर उन्हें खरीदने की कोशिश की,लेकिन लेखपाल साहब हमेशा सच्चाई की राह पर डटे रहे और कभी इन गुंडों के बहकावे में नहीं आए। जानकारी के अनुसार आजकल चौथी बार अब्दुल्लाह, अलाउद्दीन पप्पू नदीम ने स्वर्गीय मुहम्मद हुसैन साहब के परिवार पर फर्जी 115C का मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया था,जिसे ईमानदार और बहादुर लेखपाल साहब और ईमानदार कानूनगो राकेश कुमार पांडेय साहब,मौजूदा एसडीएम चंद्र प्रकाश सिंह साहब और मौजूदा तहसीलदार चमन सिंह साहब के कुशल और ईमानदार नेतृत्व में दरख्वास्त ख़ारिज कर दी गई।इस मामले में यह भी विचारणीय है कि एक ही नंबर पर बार-बार दरखास्त डालकर एक शरीफ परिवार को परेशान करना कहां तक उचित है? जब 115C की रिपोर्ट और आवेदन तीन बार खारिज हो चुका है, तो यह बदमाशी क्यों?






