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जल शक्ति मंत्री उटंगन नदी केन्द्रित जलसंचय भावनाओं का स्थलीय निरीक्षण करें भाजपा नेता पूर्व विधायक केशो मेहरा ने मंत्री को लिखा पत्र

स्टार न्यूज़ टेलीविजन उत्तर प्रदेश आगरा

आगरा जनपद पानी की समस्या के दौर में है,भूमिगत पानी खारा है। जलस्तर में निरंतर आ रही गिरावट से स्थिति और भी गंभीर हो चली है।इस विषम स्थिति में सुधार के लिये जा उपलब्ध जल स्रोत हैं, उनमें उटंगन नदी सबसे सहज सुलभ है। इसके प्रबंधन की मौजूदा बद इंतजामी में सुधार करने मात्र से जनपद के फतेहपुर सीकरी,जगनेर,खेरागढ , शमशाबाद,पिनाहट, फतेहाबाद और बरौली अहीर विकास खंडों के निष्प्रयोज्य स्थिति में पहुंच चुके हैंडपंपों को पुनः: सुचारू किया जा सकता है।साथ ही प्रधानमंत्री की घर घर नल का पानी योजना का प्रभावी किया जा सकता है।यह मानना है भाजपा के नेता एवं पूर्व विधायक केशे मेहरा का।

पानी की भरपूरता

श्री मेहरा ने प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से अनुरोध किया है कि वह यथाशीघ्र आगरा आयें और उटंगन नदी केन्द्रित आधिकारिक निरीक्षण करें।उन्होंने कहा है कि राजस्थान के द्वारा अवैध रूप से पानी रोक लिये जाने के बावजूद नदी का बडा स्थानीय जल ग्राही क्षेत्र है,किबाड नदी (जगनेर विकास खंड,खारी नदी (फतेहपुर सीकरी विकासखंड),डव्लू डी ड्रेन (किरावली विकासखंड),पार्वती नदी (राजाखेड़ा-राजस्थान)आदि स्थानीय मानसून कालीन नदियों की जलधारायें इसमें भरपूर योगदान देती हैं।

बन्धियों का डिसचार्ज

उपरोक्त के अतिरिक्त कई हजार हेक्टेयर जल डूब क्षेत्र सिमेटे रखने वाली जगनेर की बंधियों का पानी मानसून थम जाने के बाद (15 अक्टूबर के आस पास) डिसचार्ज होकर उटंगन नदी में ही पहुंचता है।श्री मेहरा ने कहा है कि एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण यह तथ्य और है कि यमुना नदी के जवाहर पुल आगरा स्थित सेंट्रल वाटर कमीशन के गेज स्केल पर जैसे ही नदी का जलस्तर खतरे के निशान (150.876 /495 फीट)को पार करता है,नदी रेहावली गांव (फतेहाबाद विकासखंड )में उटंगन नदी में बैक मारने लगता है, 497(151.48मी / 497 फुट) फट पार करते ही यमुना नदी का पानी आगरा-बाह स्टेट हाईवे ब्रिज को पार कर अरनौटा रेलवे पुल तक जा पहुंचता है।जुलाई के दूसरे सप्ताह से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक यह स्थिति बनी रहती है।

विपुल जलराशि                                                             मेहरा ने कहा है कि मानसून थमने के बाद यह विपुल जलराशि वापस यमुना नदी में निस्तारित हो जाती है,जबकि इसे बचाकर व्यवस्थित उपयोग में लाकर जनपद की भूजल स्थिति में बड़ा सुधार किया जा सकता है।साथ ही पवित्र धाम बटेश्वर को नहान पर्वों पर ताजा पानी उपलब्ध करवाय जा सकता है।

श्री मेहरा ने कहा है कि वह राजनीतिज्ञ होने के साथ ही इंजीनियर भी है,उन्हें लगता है कि सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के द्वारा जिला पंचायत के माध्यम से रेहावली गांव में बांध बनाये जाने की अपेक्षा सर्वथा उपयुक्त है,वैसे उनकी जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया स्वयं भी इस योजना को आगरा की जरूरत के अनुकूल मानती हैं।

फोटो कैप्शन

पूर्व विधायक केशो मेहरा से सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना और फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी ने उटंगन नदी पर बांध बनाये जाने को लेकर गहन चर्चा की।

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