Delhiताज़ा तरीन खबरें

गेस्ट शिक्षकों के पदों पर स्थाई शिक्षकों को रखे जाने की निंदा

सुषमा रानी

नई दिल्ली : फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स द्वारा शैक्षणिक सत्र – 2024-25 के लिए अतिथि संकाय के रूप में निम्नलिखित विषयों, विभागों में अंडरग्रेजुएट स्तर के पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय संकायों व संबद्ध कॉलेजों से स्थायी शिक्षकों को आमंत्रित किए जाने की आलोचना की है। फोरम के चेयरमैन डॉ हंसराज सुमन ने बताया है कि इस स्थिति से वाकिफ विभाग के एडहॉक पैनल में दर्ज शोधार्थियों में गहरा रोष व्याप्त है।
शोधार्थियों का कहना है कि जिन्हें विश्वविद्यालय व यूजीसी से किसी प्रकार की आर्थिक सहायता / स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है, न ही उन्हें नॉन कॉलेजिएट की कक्षाएँ तथा एसओएल की कक्षाएँ मिल रही हैं, इग्नू की कक्षाएँ भी उन्हें नहीं दी जा रही हैं, यदि गेस्ट शिक्षक के पदों पर भी स्थायी शिक्षकों को पढ़ाने का अवसर मिलेगा तो दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थी और पीएचडी धारक बेरोजगार युवक कहाँ जाएंगे? यह स्थिति योग्य बेरोजगार युवाओं के लिए आर्थिक संकट पैदा करेगी। शोधार्थियों और पीएचडी धारक बेरोजगार युवाओं के हितों को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) व दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को इस तरह के नियम को वापिस लेने के लिए कॉलेजों पर दबाव डालना चाहिए। भविष्य में अन्य कॉलेज भी इसका अनुसरण करेंगे तो योग्य बेरोजगार युवाओं की स्थिति नाजुक हो जाएगी।

फोरम के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन ने बताया है कि श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने अपने यहाँ विभिन्न विभागों में पढ़ाने के लिए गेस्ट शिक्षकों के लिए संकायों व कॉलेजों में पढ़ा रहे स्थाई शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए है। कॉलेज द्वारा जिन विषयों के लिए गेस्ट शिक्षक आमंत्रित किया गया है वे विषय है – वाणिज्य,अर्थशास्त्र, गणित, अंग्रेजी, हिन्दी, राजनीति विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन, कम्प्यूटर विज्ञान। इन विषयों को पढ़ाने के लिए अतिथि आधार पर शिक्षण के लिए कॉलेज शिक्षकों का पैनल तैयार कर रहा है जिन्हें अतिथि व्याख्यान के आधार पर भुगतान किया जाएगा। शिक्षण के लिए शर्ते दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमों / मानदंडों के अनुसार होंगी। साथ ही अतिथि संकाय के रूप में शिक्षण कार्य लेने से पहले आवेदक को अपने संस्थान से अनापत्ति प्रमाण पत्र ( एनओसी ) लेना होगा । उनका कहना है कि ऐसे शिक्षक जहाँ स्थायी है वहाँ न पढ़ाकर दूसरे कॉलेजों में कैसे पढ़ाएंगे ?

डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने अपने यहाँ अतिथि आधार पर शिक्षण के लिए संकाय सदस्यों का पैनल तैयार करने की जिस तरह से पहल की है इसका शिक्षण प्रक्रिया पर गलत प्रभाव पड़ेगा। दूसरे कॉलेज भी अपने यहाँ स्थाई शिक्षकों को ही गेस्ट शिक्षक के रूप में बुलाएंगे। ऐसी स्थिति में बिना फेलोशिप वाले शोधार्थियों को काफी नुकसान होगा। योग्य अभ्यर्थी इस शिक्षण के क्षेत्र से दूर हो जाएंगे अतः दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन और डूटा को इसे बंद करने के लिए दबाव डालना चाहिए। यदि डूटा ऐसा नहीं करता है तो दूसरे कॉलेज भी इस प्रक्रिया को अपनाने लगेंगे और जो युवा अध्यापन कार्य करने का सपना देख रहे हैं अपना सपना पूरा नहीं कर पाएंगे जिससे भविष्य में बेरोजगारी बढ़ेगी।

StarNewsHindi

All news article is reviewed and posted by our Star News Television Team. If any discrepancy found in any article, you may contact [email protected] or you may visit contact us page

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button