दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का बजट घटाकर महापौर द्वारा अपना विवेकाधिकार फंड बढ़ाना गरीबों के साथ विश्वाघात करने जैसा है। – कांग्रेस
सुषमा रानी
नई दिल्ली, 7 फरवरी, दिल्ली नगर निगम में सदन के पूर्व नेता व कांग्रेस के निगम प्रभारी जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की मेयर दिल्ली नगर निगम की सत्ता में लोकतांत्रिक अधिकारों का दुरुपयोग करके अपने मनमुताबिक समितियों के फंड में कटौती करके अपने विवेकाधिकर फंड को 1500 करोड़ करना गलत है, जबकि निगम अनुसार मेयर द्वारा विकास कार्य के लिए 9-10 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित है। निगम में जनता से मिले जनाधार का अपमान करके स्थायी समिति और वार्ड समितियों का गठन करके कार्यान्वित किए जाने वाले कार्यों को मेयर के विवेकाधिकार में लाना दिल्ली के लिए चिंताजनक है।
जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का बजट घटाकर महापौर द्वारा अपना विवेकाधिकार फंड बढ़ाना गरीबों के साथ विश्वाघात करने जैसा है। उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार में लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को नजरअंदाज करके अपने मतानुसार चलाना शहर और उसके निवासियों के विकास के लिए नकारात्मक साबित होगा। उन्होंने कहा कि जहां दिल्ली नगर निगम अनाधिकृत कालोनियो, एजुकेशन, इंजीनियरिंग, हैल्थ, डेम्स कमेटियों, लैंड स्केपिंग के लिए आंवटित बजट उॅट के मुॅह के जीरे के समान है, जबकि दिल्ली नगर निगम ग्रामीण गांवों की पूरी तरह अनदेखी कर रहा है, वहां विकास के लिए निगम की कोई योजना नही है। उन्होंने कहा कि जहां दिल्ली नगर निगम की सत्ता में आए आम आदमी पार्टी को एक वर्ष से अधिक समय हो गया है परंतु कर्मचारियों को प्रतिमाह समय पर वेतन की समस्या को सुलझाने में पूरी तरह विफल रहे है। उन्होंने कहा कि देश भर के निगमों की सत्ता के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ कि स्थायी समिति और वार्ड समितियों का गठन सत्ता दल नही कर पाया है। उन्होंने इतने लम्बे समय तक स्थायी समिति और वार्ड समिति का गठन नही करने से जनहित के काम बाधित हो रहे है।
कांग्रेस प्रवक्ता अनुज आत्रेय ने कहा कि एमसीडी ने दिल्ली के ग्रामीण इलाकों की पूरी तरह से उपेक्षा की है, यहां तक कि बुनियादी विकास कार्य भी नहीं किए हैं, हालांकि एमसीडी गरीब ग्रामीणों पर भारी कर का बोझ डाल रही है, जिन्हें दिल्ली सरकार और दिल्ली सरकार दोनों ने परेशान किया है। एमसीडी, न तो सत्तारूढ़ आप और न ही मुख्य विपक्षी भाजपा ने उनकी समस्याओं का समाधान करने की जहमत उठाई है। उन्हांने कहा कि दिल्ली में सफाई व्यवस्था बदहाल है और अनाधिकृत कालोनियों, पुनर्वावास कालोनियां, जे.जे. कॉलोनियों में गलियों, नालियों का गंदगी के मामले में बुरा हाल है।