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विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल व शिक्षा मंत्री आतिशी ने ‘मॉडल यूनाइटेड नेशंस’ में शामिल होकर छात्रों को किया प्रोत्साहित

सुषमा रानी

नई दिल्ली4अगस्त

केजरीवाल सरकार द्वारा डॉ.बी.आर.अम्बेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, ह्यूमैनिटीज के छात्रों के लिए दिल्ली विधानसभा में प्रथम ‘मॉडल यूनाइटेड नेशंस’ का आयोजन किया जा रहा है| इसमें 7 ह्यूमैनिटीज एएसओएसई के 180 छात्र प्रतिनिधियों ने भाग लिया है| इस कार्यक्रम का उद्देश्य केजरीवाल सरकार के स्कूलों के छात्रों को उनके लीडरशिप, कम्युनिकेशन और सार्वजनिक पटल पर बोलने की क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के प्रति उनमें जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही उन्हें एक जिम्मेदार,सक्रिय ग्लोबल सिटिजन के रूप में तैयार करना है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री आतिशी व विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल की उपस्थिति में इस 2 दिवसीय मॉडल यूनाइटेड नेशंसकी शुरूआत की है| यहाँ विधानसभा अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री ने छात्रों से बातचीत कर उन्हें प्रोत्साहित किया|

एएसओएसई के छात्रों के लिए आयोजित मॉडल यूनाइटेड नेशंस को संबोधित करते हुए, शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “दिल्ली विधान सभा, जहां दिल्ली के लोगों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि लेते है, यहाँ सेंट्रल हौल में बतौर मॉडल यूनाइटेड नेशंस के प्रतिनिधियों के रूप में दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों का बैठना उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और यादगार पलों में से एक है| ऐसे में हमारे छात्रों के लिए दिल्ली विधानसभा में इन कुर्सियों के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि जब हम यहां बैठते हैं, तो हम लाखों लोगों के हितों और कल्याण का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम यहां जो भी चर्चा करते हैं उसका दिल्ली में रहने वाले असंख्य लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। तो बतौर मॉडल यूनाइटेड नेशंस के प्रतिनिधि के रूप में हमारे छात्रों को यहाँ से मिला अनुभव उनमें समाज-देश और विश्व के लिए जिम्मेदारी का भाव पैदा करेगा|

उन्होंने कहा कि मॉडल यूनाइटेड नेशंस जैसे कार्यक्रम दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को अपनी किताबों से परे सोचने और लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों से जुड़ने का देते है। उन्होंने कहा कि, अगर स्कूली स्तर से ही छात्रों को समाज को प्रभावित करने वाले वैश्विक मुद्दों को जाने और उनपर चर्चा करने का अवसर मिलता है| तो इस एक्सपोज़र के साथ वो दिन दूर नहीं है जब शायद इन्ही में से कुछ छात्र वास्तविक जनप्रतिनिधि के रूप में इस विधान सभा से दिल्ली के लोगों के हित के लिए निर्णय ले|

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, “आज दिल्ली सरकार के स्कूलों में जो बदलाव आये और उन बदलावों के कारण पूरे विश्व में दिल्ली सरकार के स्कूलों की चर्चा है, उसके पीछे ये विधानसभा ही है जहाँ से दिल्ली में बच्चों की शिक्षा के लिए कुल बजट का 25% आवंटित करने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस निर्णय की बदौलत, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बदलाव आया है, जिससे छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा मिल रही है। मुझे उम्मीद है इस सेंट्रल हॉल के महत्त्व को समझते हुए हमारे बच्चे इस मॉडल यूनाइटेड नेशंस से बहुत कुछ सीखेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में काम करेंगे।

चर्चा के दौरान, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष, श्री राम निवास गोयल ने छात्रों को दिल्ली विधानसभा के इतिहास और कार्यों से परिचित करवाया और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि, “मॉडल यूनाइटेड नेशंस जैसे कार्यक्रमों में भाग लेने से छात्रों के सोचने की क्षमता का विस्तार होगा और ये उन्हें एक सशक्त और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी तैयार करेगा। मॉडल यूनाइटेड नेशंस की चर्चाओं में हमारे छात्रों की भागीदारी उनमें लोकतांत्रिक मूल्यों को विकसित करेगी, जिसके माध्यम से वो समाज के भविष्य को आकार देने में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे|”

गौरतलब है कि इस 2 दिवसीय मॉडल नेशंस में छात्र संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधियों की तरह ही जलवायु परिवर्तन, शरणार्थी संकट और परमाणु निरस्त्रीकरण जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक विषयों पर चर्चा करेंगे। यहाँ एएसओएसई के छात्रों ने तीन समितियाँ बनाई हैं, जो औपचारिक और अनौपचारिक दोनों समूहों में दो दिनों की अवधि में संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगी।

मॉडल यूनाइटेड नेशंस के समापन पर, प्रत्येक समिति एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी। ये तीन समितियाँ, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर), और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी), शामिल है| यहाँ यूएनजीए ने परमाणु निषेध संधि, परमाणु ऊर्जा नियंत्रण और परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण पर चर्चा की जाएगी| वहीँ यूएनएचसीआर में यूरोप में प्रवासन और शरणार्थी संकट पर फोकस किया जायेगा, जिसमें प्रवासियों, शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा। यूएनएफसीसीसी में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील और अविकसित देशों को पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया जायेगा।

बता दे कि एएसओएसई के लिए आयोजित इस दो दिवसीय मॉडल यूनाइटेड नेशंस से पहले, छात्रों को अपने स्कूलों में आयोजित मॉक एमयूएन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावी ढंग से चर्चा करने, उनके समाधान तैयार करने के लिए प्रशिक्षण के विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ा था और अंतत 700 से अधिक छात्रों में से 180 छात्रों को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया।

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