नई दिल्ली (सुषमा रानी)11 जुलाई:
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना द्वारा दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कामों में राजनीतिक मंशा से बाधा डालने और कार्यों का क्रेडिट लेने पर तीखा हमला बोला है। मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता कर “आप” वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले 6 महीनों में एलजी साहब ने दिल्ली के नालों में घूम-घूमकर नजफगढ़ ड्रेन, शाहदरा ड्रेन और यमुना की सफाई का क्रेडिट लिया। आज वह इन नालों की डिसिल्टिंग न होने की वजह बताकर दिल्ली में पानी भर जाने के लिए दिल्ली सरकार पर दोष डाल रहे हैं। जहां उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, लद्दाख में बारिश के कारण त्राहि मची है, ऐसे समय में एलजी साहब घटिया राजनीति करने दिल्ली की सड़कों पर उतरे हैं। उन्होंने कहा कि एलजी साहब के चहेते अफसरों ने दिल्ली सरकार के कार्यों को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पिछले वित्तीय वर्ष फाइनेंस विभाग ने पहले डीजेबी का फंड रोका, फिर इतना कम फंड दिया कि पिछले साल ही डीजेबी पर करीब 850 करोड़ की देनदारी है। अफसरों ने सरकारी अस्पतालों में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को अचानक निकाल दिया, डॉक्टरों की सैलरी और बुजुर्गों की पेंशन तक रोक दी थी। तमाम षड्यंत्रों के बावजूद भी दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के लिए काम कर रही है।
प्रेसवार्ता के दौरान ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी साहब गुजरात के रहने वाले हैं। गुजरात में करीब 30 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। एक दिन गुजरात में 30 एमएम बारिश हुई। दिल्ली में 8 तारीख को 153 एमएम बारिश हुई थी। 30 एमएम बारिश को गुजरात जेल नहीं पाया। अहमदाबाद, सूरत और राजकोट पूरा पानी में डूब गया। इसे लेकर इंटरनेट पर कई सारे फोटोज और वीडियोज देखने को मिल जाएंगे। गुजरात सरकार के करीबी एलजी साहब कई साल गुजरात में रहे। ऐसे में उन्हें गुजरात में भी जलभराव की समस्या से निपटने को लेकर आवश्यक जानकारी साझा करनी चाहिए थी। हमने देखा कि पिछले कुछ दिनों से एलजी साहब बात-बात पर दिल्लीवालों को कोसते हैं। कभी दिल्लीवालों को मुफ्तखोर कहते हैं। कभी कहते हैं कि दिल्लीवालें दिल्ली को अपना शहर नहीं मानते हैं। यानी कि दिल्लीवाले इस शहर में रहने के काबिल नहीं है। एलजी साहब, दिल्लीवाले गालियां बर्दाश्त करने के लिए नहीं है। इस चीज को तुरंत बंद करें।
उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने में एलजी साहब कई बार दिल्ली के नालों में घूमे। उन्होंने कहा कि मैंने नजफगढ़ ड्रेन, शाहदरा ड्रेन और यमुना साफ करवा दी और सारी मीडिया को वहां पर लेकर गए। आज एलजी साहब कह रहे हैं कि नजफगढ़ नाला, शाहदरा ड्रेन की डिसिल्टिंग नहीं हुई है। यह कैसे संभव है कि पिछले 6 महीने से जिस काम का श्रेय आप ले रहे हैं, आज आप उसकी डिसिल्टिंग न होने की वजह से दिल्ली के अंदर पानी भर जाने की बात कह रहे हैं। यानी कि अगर आज एलजी साहब की पोल खुल गई, तो अब ये सारी बात दिल्ली की चुनी हुई सरकार पर डाल रहे हैं। एलजी साहब को जिम्मेदारी से बताना चाहिए कि 6 महीने से आप झूठा क्रेडिट ले रहे थे।
कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से यह बात बिल्कुल साफ है कि एलजी साहब के चहेते अफसरों ने दिल्ली सरकार के कामों को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। खासतौर पर फाइनेंस विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में महीनों तक दिल्ली जल बोर्ड का फंड रोककर रखा। दिल्ली जल बोर्ड का फंड कम कर दिया। उसके बाद भी इतना कम फंड दिया कि पिछले साल ही दिल्ली जल बोर्ड पर करीब 850 करोड़ की देनदारी है। डीजेबी को 850 करोड़ अपने वेंडर्स और ठेकेदारों को देने हैं। इस साल का फंड इतना देरी से दिया और इतना कब दिया कि पिछले साल की देनदारी में ही खर्च हो गया। पिछले 6 से 8 महीने में एलजी साहब के चहेते अफसरों ने दिल्ली जल बोर्ड को पैसे के लिए मोहताज कर दिया। एलजी साहब बताएं कि क्यों डीजेबी के कार्यों को ठप करने के लिए जानबूझकर साजिश की जा रही है?
उन्होंने कहा कि एलजी साहब के चहेते अफसरों के कहने पर स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी कार्ड बनाने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को अचानक निकाल दिया गया, ताकि दिल्ली के सरकारी अस्पताल ठप हो जाएं। मोहल्ला क्लीनिकों में डॉक्टरों की सैलरी रोक दी गई, ताकि मोहल्ला क्लीनिक ठप हो जाए। दिल्ली सरकार जिन टेस्ट्स और सर्जिकल प्रोसीजर के लिए प्राइवेट अस्पतालों या प्राइवेट लैब्स में मरीज को रेफर करता है, जहां गरीबों और आम लोगों का इलाज मुफ्त होता है, उन लैब्स के पैसे रोक दिए गए, ताकि जरूरतमंदों को मुफ्त की सेवाएं न मिले। फाइनेंस विभाग और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के कुछ अफसरों ने मिलकर दिल्ली के बुजुर्गों की पेंशन तक रोक दी।
उन्होंने कहा कि पिछले 7 सालों से जिन परिस्थितियों में तमाम समस्याओं के बावजूद दिल्ली सरकार काम करके दिखा रही है, मुझे लगता है कि दिल्ली सरकार के कामकाज पर रिसर्च होनी चाहिए। क्योंकि इन सभी षड्यंत्रों के बावजूद भी दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के लिए काम कर रही है। आज इस दुख की घड़ी में जब सभी सरकारें एक दूसरे की मदद करना चाह रही है। उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर,लद्दाख में हिमाचल में त्राहि मची है। ऐसे समय में एलजी साहब एक छोटी राजनीति करने के लिए आज दिल्ली की सड़कों पर उतरे। यह बेहद दुख की बात है। यह वक्त घटिया राजनीति करने का नहीं है, बल्कि दूसरों की मदद करने का है। मैं एलजी साहब को कहना चाहूंगा कि दिल्ली की जनता को और परेशान मत कीजिए। आप अपना काम करिए और दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अपना काम करने दीजिए।