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स्मार्टफोन ने बच्चों का बचपना और लोगों का सुख,चैन सब छीन लिया।

जावेद हुसैन (ब्यूरो चीफ यूपी)

स्मार्टफोन आज के दौर में लगभग हर घर में मौजूद है बल्कि 1 या 2 नहीं बल्कि घर में जितने सदस्य हैं उतने मोबाइल आपको देखने को मिल जायेंगे।आज मोबाइल हर घर की जरूरत बन चुका है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जो हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

बच्चों पर सबसे ज्यादा असर।
आज आपको ज्यादातर घरों के बच्चों के हाथ में मोबाइल देखने को मिल जाएगा आखिर क्यों बच्चों अभिभावक उनको इतनी छूट दे रहे हैं।हमने कुछ जानकर लोगों से ये जानने की कोशिश की ओर पाया की बच्चे का पिता जो ड्यूटी चला जाता है उसको घर की कोई खबर नहीं रहती ओर बच्चे की मां इसलिए हाथ में मोबाइल थमा देती है की बच्चा उससे परेशान न करे।बच्चा स्कूल से आते ही तुंरत फोन पर टूट पड़ता है।

आखिर बच्चों के मोबाइल स्तेमाल से क्या नुकसान है।
बच्चे को 10 से 15 साल के बीच उमर खेलने कूदने की है जिससे बच्चा हमेशा स्वस्थ रहते है जैसे बच्चा कुछ गली के बच्चों के साथ भागने वाला गेम जैसे पकडम पकड़ाई, खो खो आदि खेलता है तो वो मानसिक और शारीरिक रूप से बिलकुल स्वस्थ रहता है लेकिन स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने से उसको मानसिक और शारीरिक तनाव हो जाता है मानो उससे फोन चलाने की लत लग गई हो।
कुछ राज्यों में 10 से 12 साल के बच्चों को गर्भवती होने के भी मामले सामने आए हैं अब सवाल यह है की उन्हें यह सिक्षा किसने दी स्कूल में तो ऐसा कुछ नही सिखाया जाता तो इसका सीधा जवाब है की जब बच्चा फोन में गूगल या यूट्यूब चलाता है तो उसमे कुछ वेबसाइट में नग्न अवस्था में लड़कियों को तस्वीर दिखाई देती है बच्चे का दिमाग पूरी तरह उसे देखने को करता है इस तरह बच्चा प्रोनोग्राफी के तरफ चला जाता है और उसमे काफी दिलचस्पी दिखाने लगता है अंदाजा लगाया जा सकता है 10 साल का बच्चा जो अभी यह नहीं जानता की साल में कितने दिन होते हैं या उससे इंग्लिश या हिंदी की रीडिंग अभी तक नही आई वो पोर्न वीडियो देखकर वैसा ही करना चाहता है जैसे वो वीडियो में देखता है।कई जगह ऐसा मामला सामने आया की भाई बहन ने मां बाप की गैर मौजूदगी में पोर्न देखा और संभोग किया जिसके बाद लड़की गर्भवती हो गई उसका पेट फूलने लगा जब ज्यादा पेट निकलने लगा तो घरवालों ने जांच कराई रिपोर्ट में पाया की बच्ची गर्भवती है बच्ची अभी महज 11 साल की ओर और लड़का 10 साल का।
हम सभी अभिभावकों से निवेदन करेंगे को बच्चों को मोबाइल से दूर रखें नही तो काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
आज मोबाइल ने लोगों का चैन सुख नही चीन बल्कि इंसान ने खुद अपने आप को मोबाइल के हवाले कर दिया है।अपनी हर जरूरत को पूरा करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करता है।
आमतौर पर जो व्यक्ति आटा,चीनी या घर का राशन लेने आसपास की दुकानों पर टहलते हुए जाकर कुछ समय बीतता था और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता था लेकिन ऑनलाइन राशन खरीदने से उसका बाहर जाना बंद हो गया और कहीं न कहीं उससे तनाव महसूस होने लगता है।इस तरह मोबाइल ने नही बल्कि इंसान ने खुद अपने चैन और सुख को त्याग दिया है।

StarNewsHindi

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