Newsताज़ा तरीन खबरें

काशी के घाटो पर भीषण ताप लहरी से हाहाकार मृतको को मोक्ष के लिए घंटो इतजार के हालात

स्टार न्यूज टेलिविज़न

वाराणसी : भीषण गर्मी की मार के चलते उत्तर प्रदेश के वाराणसी में महाश्मशान पर रोज की अपेक्षा शवों के आने की संख्या बढ़ गई है। जिसकी वजह से शवों को भी शवदाह के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

इसका सबसे बुरा असर उन शव यात्रियों को झेलना पड़ रहा है जो 43-45 डिग्री वाले तापमान में पथरीले घाट पर बगैर छांव, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था के ही घंटों इंतजार कर रहे हैं।

मौत के बाद भी मोक्ष के लिए करना पड़ रहा है संघर्ष

इंसान के जीवन में जीते-जी संघर्ष तो रहता ही है, लेकिन अब मौत के बाद भी मोक्ष के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और यह सब कुछ हो रहा है तो भीषण गर्मी की वजह से। गर्मी में वाराणसी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर रोज की अपेक्षा शवों के आने की सिलसिला बढ़ गया है। राम नाम सत्य के उद्घोष के साथ शवयात्रियों के पांव जैसे महाश्मशान पर थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इसके चलते स्थिति यह पैदा हो गई है कि पथरीले घाट पर शव बंधी सीढ़ी रखकर घंटों शवयात्री इंतजार कर रहें है कि कब उनको भी शवदाह का मौका मिले और लाए गए शव को मोक्ष की प्राप्ति हो। लेकिन रही सही कसर भीषण गर्मी में पेयजल, छांव और शौचालय की किल्लत ने पूरा कर दिया है।

शवदाह करने वाले साफ-सफाई का हवाला देकर डेढ़-दो घंटे रोके रखते हैं

 

मिली जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के मंडुआडीह से आए शवयात्री मिथिलेश ने बताया कि 2 घंटों से इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि गर्मी की वजह से ऐसा हो रहा है और सभी का नंबर लगा है। वहीं वाराणसी के ही हरहुआ से आए एक अन्य शवयात्री रामाश्रय ने बताया कि चूंकि शव ज्यादा आ चुके हैं और शवदाह करने वाले साफ-सफाई का हवाला देकर डेढ़-दो घंटे से उन्हें रोके हुए हैं। शवयात्रियों के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं है। शव ज्यादा गर्मी की वजह से आ रहे हैं। देवरिया से आए शवयात्री चंदन ने बताया कि लगभग आधा घंटे से इंतजार कर रहें हैं और नंबर लग गया है।

शमशान पर पेयजल, छांव और शौचालय की नहीं है व्यवस्था

आपको बता दें कि शमशान पर पेयजल, छांव और शौचालय की व्यवस्था ही नहीं है और दुकानदार लूट रहे हैं। मध्यप्रदेश के कटनी से आए राजेश और उनके दोस्त ने बताया कि सुबह 8 बजे से ही आकर इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन शमशान पर साफ-सफाई की बड़ी समस्या है। पानी और छांव की व्यवस्था नहीं है। गर्मी इतनी है कि शवयात्री चक्कर खाकर गिर जा रहे हैं। गर्मी की वजह से शव ज्यादा आ रहे हैं इसलिए वेटिंग मिल रही है।

प्लेटफार्मों की संख्या सीमित है जबकि शव ज्यादा है

शवयात्रियों को घंटों इसलिए इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि बने हुए प्लेटफार्मों की सीमित है संख्या वहीं शवदाह करने वाले डोमराज परिवार के सदस्य माता प्रसाद चौधरी ने बताया कि शवयात्रियों को घंटों इसलिए इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि बने हुए प्लेटफार्मों की संख्या सीमित है। जबकि शव ज्यादा है। इसकी वजह से शवयात्री घबरा रहा है।

खुले मे शवदाह का विकल्प बता रही जनता

जबकि गंगा किनारे बगैर प्लेटफार्म के ही अगर खुले में शव जलाने की इजाजत मिल जाए तो समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रोज की अपेक्षा 15-30 शव ज्यादा आ रहे हैं। इसके अलावा शौचालय, पेयजल और छांव तक की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि गर्मी के चलते शवदाह करने वाले उनके कर्मी भी काम करने से बच रहे हैं। इसके चलते शवदाह में लोगों को 2-3 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है।

राकेश पाण्डेय

StarNewsHindi

All news article is reviewed and posted by our Star News Television Team. If any discrepancy found in any article, you may contact [email protected] or you may visit contact us page

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button