
जॉली LLB 3′ अब सिनेमाघरों में आ चुकी है, और इस बार कहानी में एक नया मोड़ है क्योंकि दोनों पुराने जॉली, अरशद वारसी और अक्षय कुमार, एक साथ स्क्रीन पर नजर आ रहे हैं। यह तीसरी कड़ी एक बार फिर से उन सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालती है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। यह केवल अदालत की लड़ाई नहीं है, बल्कि न्याय और नैतिकता, लालच और ईमानदारी, अमीरी और गरीबी के बीच की जद्दोजहद है।
फिल्म सुभाष कपूर ने डायरेक्ट की है. इस बार कोर्टरूम ड्रामा में पहली बार अरशद वारसी और अक्षय कुमार आमने-सामने नजर आ रहे हैं. कोर्ट में दोनों की टक्कर और कॉमेडी देखने लायक है, जिसने लोगों का दिल जीत लिया. साथ ही, जज सुंदरलाल त्रिपाठी के किरदार में सौरभ शुक्ला भी मजेदार अंदाज में वापसी की.
फिल्म को रिलीज के साथ ही अच्छी शुरुआत मिली और क्रिटिक्स व दर्शकों ने इसे काफी पसंद किया. सोशल मीडिया पर इसे ‘फनी और इफेक्टिव’ बताया जा रहा है. दर्शकों का कहना है कि फिल्म शुरुआत से आखिर तक बांधे रखती है. अक्षय का कॉमिक टाइमिंग और उनका क्लोजिंग मोनोलॉग शानदार है. वहीं, अरशद ने भी जबरदस्त परफॉर्मेंस देते नजर आए. सौरभ शुक्ला नई झलक में छा गए हैं और गजराज राव ने विलेन के किरदार में जान डाल दी.
कहानी का सारांश: बीकानेर से बॉस्टन तक
फिल्म की कहानी राजस्थान के बीकानेर जिले के एक गांव से शुरू होती है, जहां एक धनी व्यवसायी हरिभाई खेतान (गजराज राव) ‘बीकानेर टू बॉस्टन’ नामक एक विशाल प्रोजेक्ट की योजना बना रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए उसे किसानों की भूमि की आवश्यकता है, जिसे हासिल करने के लिए वह राजनीतिक दबाव, अधिकारियों की मिलीभगत और झूठे वादों का सहारा लेता है। स्थिति तब बिगड़ जाती है जब एक किसान आत्महत्या कर लेता है। उसकी पत्नी जानकी (सीमा बिस्वास) न्याय की उम्मीद में पहले जॉली 1 (अरशद वारसी) और फिर जॉली 2 (अक्षय कुमार) के पास जाती है। शुरुआत में दोनों मदद करने से हिचकिचाते हैं, लेकिन जब उन्हें सच्चाई का पता चलता है, तो वे मिलकर इस अन्याय के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं।
सपोर्टिंग कास्ट का योगदान
सौरभ शुक्ला एक बार फिर जज के किरदार में शानदार प्रदर्शन करते हैं। उनकी हाजिरजवाबी और सहजता कोर्ट सीन्स को जीवंत बना देती है। सीमा बिस्वास कम संवादों में भी अपनी आंखों से पूरी कहानी बयां कर जाती हैं। गजराज राव इस बार नकारात्मक किरदार में हैं, हालांकि उनका व्यक्तित्व उस स्तर की धमक नहीं ला पाता। राम कपूर एक सशक्त वकील के रूप में अक्षय के समक्ष खड़े होते हैं।