
राम नगरी में भूमि व भवन की रजिस्ट्री हुई महंगी, सर्किल रेट में औसतन 35% की बढ़ोतरी
स्टार न्यूज़ टेलीविजन
राकेश पाण्डेय
लखनऊ:अयोध्या मे आठ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या जनपद में भूमि और भवनों के सर्किल रेट में बड़ा बदलाव हुआ है। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे के हस्ताक्षर के साथ नई दरें 7 जून 2025 से प्रभावी हो जाएंगी। हालांकि बकरीद (8 जून) और रविवार (9 जून) को सरकारी अवकाश होने के कारण इसका वास्तविक असर 10 जून से रजिस्ट्री कार्यों पर दिखाई देगा।
35 प्रतिशत की औसत वृद्धि
सहायक महानिरीक्षक निबंधन वाई.पी. सिंह के अनुसार, सर्किल रेट में हुई औसतन 35% की वृद्धि से शासन को 35 प्रतिशत तक राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
विभिन्न क्षेत्रों में दरों की यह वृद्धि इस प्रकार से है।
आवासीय संपत्तियां: 10% से 40% तक।व्यवसायिक संपत्तियां: 20% से 50% तक। कृषि भूमि: 5% से 50% तक। कुछ क्षेत्रों में 200% से 300% तक वृद्धि का प्रस्ताव भी रखा गया था, जिसे आपत्तियों और सुझावों के बाद औसतन 35% तक सीमित कर दिया गया है।
2017 के बाद पहली बार वृद्धि
साल 2017 के बाद पहली बार सर्किल रेट में संशोधन हुआ है। 4 सितंबर 2024 को प्रस्ताव मांगे गए थे, लेकिन प्रदेश सरकार की परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्राथमिकता के कारण यह निर्णय लंबित रहा। इस विषय को लेकर सांसद अवधेश प्रसाद ने लोकसभा में भी मुद्दा उठाया था। जनता और जनप्रतिनिधियों के बढ़ते दबाव के चलते शासन ने आपत्तियां आमंत्रित कीं और आखिरकार आठ महीने बाद यह निर्णय लागू किया गया।
अब आमजन को भूमि या भवन की रजिस्ट्री कराने में अधिक स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क चुकाना होगा। इससे रियल एस्टेट बाजार में हलचल बढ़ने की संभावना है, वहीं सरकार को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।