दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के कार्यक्रम से विकसित भारत@2047 अभियान की शुरुआत
सुषमा रानी
दिल्ली ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ 2023 के उपलक्ष्य में दिल्ली विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘राष्ट्र निर्माण और युवा: विकसित भारत @2047’ विषयक एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। ‘विकसित भारत @2047’ अभियान के अंतर्गत विश्वविद्यालय में यह प्रथम कार्यक्रम था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत कार्यवाह अनिल गुप्ता इस आयोजन में मुख्य वक्ता रहे।
विषय प्रवर्तन करते हुए मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष प्रो. निरंजन कुमार ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय का युवा विकसित भारत@2047 अभियान को लेकर अत्यंत सजग है। आपने प्रसिद्ध ब्रिटिश अर्थशास्त्री आंगस मेडिसन का उद्धरण देते हुए कहा कि भारत पूर्व में विकास के चरम पर रहा है। आपने प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न विकसित भारत और उसके प्रमुख स्तंभों शिक्षा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था में हो रहे बड़े स्तर के बदलावों पर चर्चा करते हुए कहा कि विकसित भारत@2047 का संकल्प पत्र आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और मानसिक परिवर्तन की बात करता है। आपने इस संकल्प पत्र पर विस्तार से बात की और कहा कि भारत गुलामी की मानसिकता से तेजी से बाहर आ रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेस प्रो. बलराम पाणी ने युवा की परिभाषा बताते हुए कि युवा वह होता है जो भविष्य को सामने रखकर चलता है। आपने स्वामी को आध्यात्मिक और सामाजिक नेतृत्वकर्ता बताते हुए अध्यात्म और समाज के बीच समन्वय की बात की। आपने कहा कि हम सफलता के लिए स्वामी द्वारा अपनाए गए सूत्रों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। स्वामी से शिक्षा, ज्ञान, नैतिकता, विवेक, रचनात्मकता और नवाचार के मंत्र को ग्रहण किया जा सकता है और यही मंत्र भारत का विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रहे अनिल गुप्ता, सीए ने स्वतंत्र भारत के 50 वर्षों की यात्रा और भारत की वर्तमान स्थिति के बीच तुलना करते हुए भारत के लगातार उज्ज्वल होते भविष्य की चर्चा की। आपने उद्योग, विनिर्माण में बढ़ोत्तरी की बात करते हुए देश में आमजन तक धन की पहुँच की बात की। आपने बढ़ रहे डिजिटल लेनदेन को विकसित भारत की राह में क्रांतिकारी कदम बताया। आज दुनिया में बड़ी कंपनियों के प्रमुख भारतीय हैं। ऐसे युवाओं को अपने समाज को वापस योगदान करने की आवश्यकता है। आपने कहा कि विकसित भारत के लिए भारत माता की आराधना आवश्यक है। आपने कहा दिल्ली विश्वविद्यालय की विकसित भारत की यात्रा आने वाले समय में बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करेगी।