भारत में आज़ादी के क्या मायने।
15 अगस्त यानी आजादी का दिन भारतीयों के लिए 15 अगस्त किसी त्योहार से कम नहीं है यह ऐसा दिन है जिसमे हमारे बुजुर्गों ने अपनी शहादतें देकर इस मुल्क को आज़ाद कराया।सभी धर्मो के लोगों ने उस वक्त बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और नतीजा आपके सामने है।आजादी बाहरी आक्रमण कारियों से,आजादी हमको गुलाम मानने वालों से,आजादी गुलामी की जंजीरों से हमारे लिए आजादी के मायने लफ्जों में बयान नही किए जा सकते।कुछ असामाजिक तत्वों ने उसवक्त भारत के टुकड़े होने में कोई कसर नहीं छोड़ी अपने आप को कौमी रहनुमा कहकर मजहब के नाम पर बटवारा करवाने वाला जिन्ना जो अंग्रेजों के इशारों पर नाचता था आज पूरा विश्व पाकिस्तान की यह हालत देख रहा है की जिन्ना की जिद ने कैसे इतने बड़े भारत के टुकड़े करवाए और नतीजा पूरी दुनिया में रुसवाई।दरअसल इसमें भी अंग्रेजों की ही चाल थी जब भारत आजाद हुआ तो अंग्रेजों ने जिन्ना को लालच दिया और मजहब के नाम पर एक अलग मुल्क की मांग करवाई क्योंकि जिन्ना जनता था की वो भारत में रहकर इतना कुछ नही कर पायेगा जिसके चलते उसने अंग्रेजों के इशारे पर अलग मुल्क बनवा दिया।पाकिस्तानी आवाम उसे कायदे आजम के नाम से जानती है लेकिन कायदे आज़म तो वो होते हैं जो बिना किसी दबाव में आकर मुल्क को तरक्की दें बहरहाल अंग्रेज अपनी चाल में कामयाब हो गए अगर भारत का एक भी टुकड़ा न होता तो वाकई आज भारत और ज्यादा बदला हुआ होता।अंग्रेजों ने फूट डालकर हमेशा राज किया और भारत से जाने के बाद फूट डालकर मुल्क के टुकड़े करवा दिए।
हमें गर्व महसूस होता है की हम भारतीय हैं।
- मादरे वतन जिंदाबाद,सरजमीन हिंदुस्तान जिंदाबाद।