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तापसी पन्नू बनीं याकुल्ट की ब्रांड एंबेसडर

2030 तक डबल डिजिट ग्रोथ के लक्ष्य को मिलेगा नया बल

नई दिल्ली,।प्रोबायोटिक हेल्थ ड्रिंक कंपनी याकुल्ट डैनोन इंडिया प्रा. लि. ने बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू को अपना नया ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। यह कदम कंपनी के 2030 रीब्रांडिंग विज़न को मजबूती देगा और हर साल डबल डिजिट ग्रोथ बनाए रखने की दिशा में एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
याकुल्ट डैनोन इंडिया की स्थापना जापान की याकुल्ट होंशा और फ्रांस की डैनोन ग्रुप की साझेदारी से वर्ष 2005 में हुई थी। भारत में 2008 से अपनी मौजूदगी के साथ अब तक याकुल्ट 700 शहरों में उपलब्ध है।“मैं खुद याकुल्ट की नियमित उपभोक्ता रही हूँ” — तापसी पन्नू
ब्रांड एंबेसडर बनने पर तापसी पन्नू ने कहा “मेरा परिवार कई सालों से याकुल्ट पी रहा है, खासकर मेरी माँ। मैंने देखा है कि छोटी-छोटी लेकिन नियमित आदतें कैसे स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकती हैं। मैं मानती हूँ कि अच्छी सेहत की शुरुआत आंतों से होती है और याकुल्ट इसे अपनाने का आसान और स्वादिष्ट तरीका है।”
याकुल्ट: विज्ञान और भरोसे का मेल
कंपनी की सीएसओ डॉ. नीरजा हजेला ने याकुल्ट के पीछे के विज्ञान को समझाते हुए बताया कि याकुल्ट एक रोजाना पी जाने वाली प्रोबायोटिक ड्रिंक है। इसमें 6.5 अरब से ज्यादा लैक्टोबैसिलस केसाई शिरोटा (शिरोटा स्ट्रेन) मौजूद होते हैं जो पाचन में सुधार और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
याकुल्ट की सफलता में “याकुल्ट लेडीज़” का अहम योगदान है। ये महिलाएं घर-घर जाकर याकुल्ट पहुंचाती हैं। इस मॉडल ने न केवल उत्पाद की विश्वसनीयता और पहुंच को मजबूत किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी एक नई दिशा दी है। याकुल्ट लेडीज़ अब सैकड़ों महिलाओं को आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक आय का जरिया बन चुकी हैं।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ईजी अमानो ने कहा का “भारत में प्रोबायोटिक की बढ़ती मांग हमारे लिए एक बड़ा अवसर है। हम हर साल डबल डिजिट ग्रोथ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और यह भारत के प्रति हमारे भरोसे को दर्शाता है।”
याकुल्ट की चीफ़ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. नीरजा हजेला ने बताया, “”याकुल्ट “में मौजूद Lactobacillus casei strain Shirota – जिसे Shirota strain भी कहा जाता है – वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित प्रोबायोटिक है, जो 6.5 बिलियन गुड बैक्टीरिया के साथ डाइजेशन और इम्युनिटी को बेहतर बनाता है। Yakult रोज़मर्रा की डाइट को और प्रभावशाली बनाता है।”
“याकुल्की” एक बड़ी ताकत उसकी अनोखी “”याकुल्ट लेडिज” डिलीवरी नेटवर्क है।
प्रशिक्षित महिलाएं घर-घर जाकर न सिर्फ “याकुल्ट”पहुंचाती हैं, बल्कि लोगों को गट हेल्थ (पाचन स्वास्थ्य) के बारे में जागरूक भी करती हैं। इस मॉडल ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिया है और “याकुल्ट को आम लोगों से जोड़ा है।
IMARC Group के अनुसार, भारत का प्रोबायोटिक्स ड्रिंक मार्केट 2024 में करीब ₹1,348.8 मिलियन का था, जो 2033 तक ₹5,778.9 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है – यानी 16.67% की CAGR से ग्रोथ।

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