
यूपी मे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जारी है मंथन एक धडा केशव को अध्यक्ष बनाने का लगा रहा जुगाड़
स्टार न्यूज़ टेलीविजन
राकेश पाण्डेय
लखनऊ:उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठनात्मक बदलाव की आहट के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व अब 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति के तहत संगठन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की दिशा में विचार कर रहा है, और ऐसे में मौर्य सबसे उपयुक्त चेहरा माने जा रहे हैं।
केशव प्रसाद मौर्य न सिर्फ ओबीसी समुदाय से आते हैं बल्कि पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। पार्टी अब एक बार फिर पिछड़े वर्ग के प्रभावशाली नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) कार्ड की काट तलाश रही है।
हाल के दिनों में मौर्य की संगठनात्मक सक्रियता और सोशल मीडिया पर लगातार राजनीतिक बयानबाज़ी इस ओर संकेत कर रही है कि वे खुद भी संगठन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं। उनके द्वारा हाल ही में किया गया ट्वीट—”संगठन सरकार से बड़ा होता है”—भाजपा के भीतर हलचल मचा चुका है और इसे नेतृत्व के प्रति एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ फर्जी डिग्री मामले में याचिका खारिज करने से उनकी कानूनी स्थिति और छवि मजबूत हुई है, जिससे प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनकी दावेदारी और पुख्ता हो गई है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी, लेकिन संभावित नामों में केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे आगे चल रहा है। यदि ऐसा होता है तो 2027 में भाजपा की चुनावी रणनीति को जातीय संतुलन के साथ मजबूती मिलने की संभावना है।
संभावित नामों की दौड़ में अन्य दावेदार भी मौजूद हैं, लेकिन संगठन में अनुभव, सामाजिक समीकरण और पार्टी हाईकमान से नज़दीकी को देखते हुए केशव मौर्य फिलहाल सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।