अंडे के कीमतों में भारी गिरावट सावन के आते ही रुक गई सेल।
जावेद हुसैन (ब्यूरो चीफ यूपी)
गाजियाबाद।अंडा आज के दौर में हर घर की जरूरत बन चुका है जल्दी खाना चाहिए तो अंडा बेहतर विकल्प है।पूरे विश्व में अंडा अपने प्रोटीन के लिए उपयोग किया जाता है फिर चाहे सर्दी हो या गर्मी।युवा तबका जोकि वर्जिस से संबंध रखता है वो भारी मात्रा में इसका सेवन करते हैं।लेकिन भारत में धर्म की आस्था के चलते कुछ समुदाय सावन और नवरात्र जैसे पवित्र महीनों में अंडा खाना बिल्कुल बंद कर देते हैं जिसका सीधा असर अंडे के किसानों पर पढ़ता है दरअसल जब अचानक से अंडे की बिक्री में गिरावट आती है तो फार्मों पे अंडा स्टॉक हो जाता है जिसके कारण रेट में काफी गिरावट आ जाती है जैसे दिल्ली से सटा बरवाला मंडी अभी 28 जून तक 470 रुपए सैकड़ा बिक रहा था लेकिन ईद अल अदहा ओर उसके तुरंत बाद सावन शुरू हो गया जिसके कारण अंडे की बिक्री में काफी गिरावट देखने को मिली जिसके चलते आज बरवाला मंडी 400 रुपए चल रही है।
अंडा बाजार के एक्सपर्ट के अनुसार 10 सावन तक यह मंडी 350 के आसपास पहुंच जाएगी।जाहिर है की अचानक से बाजार गिरने से किसानों को कितना नुकसान का सामना करना पढ़ सकता है।
किसानों को नुकसान से बचने के क्या उपाय हैं?।
एक्सपर्ट के अनुसार जब बाजार काफी नीचे चला जाता है तो उस वक्त कुछ व्यापारी अंडा कोल्ड स्टोरेज में रख देते है और अच्छी कीमत मिलने पर निकाल कर बेच देते हैं यदि किसानों को भी नुकसान से बचना है तो या तो वो खुद का कोल्ड स्टोर बनाए अन्यथा किसी व्यापारी से साझे में अंडा स्टोर करदें या खुद भी स्टोर कर सकते हैं जिससे वे नुकसान से बच सकते हैं।
किस राज्य में सावन का ज्यादा प्रभाव पड़ता है?
आमतौर पर बरवाला,हरियाणा और पंजाब का अंडा पूरे उत्तर प्रदेश समेत कोलकाता,असम,बिहार और झारखंड आदि राज्यों में पूर्ति करते हैं,उत्तर प्रदेश अंडा बेचने में सबसे अहम भूमिका निभाता है इसका पहला कारण है यह की जनसंख्या क्योंकि भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण यह जनसंख्या लगभग 25 करोड़ है जो की अकेले कई राज्यों के मुकाबले है।जाहिर है उत्तर प्रदेश अंडे की बिक्री का केंद्र है सावन के कारण सबसे ज्यादा असर यहीं देखने को मिलता है।