सुषमा रानी
नई दिल्ली, 06 जुलाई,
दिल्ली की जनता ने बुधवार को पूरी दिल्ली में मोदी सरकार द्वारा दिल्ली पर थोपे गए असंवैधानिक अध्यादेश के विरोध में पदयात्रा कर पुतला दहन किया और अध्यादेश को वापस लेने की मांग की। दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दिल्ली की जनता ने काले अध्यादेश का पुतला दहन कर विरोध जताया। आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की जनता ने यह मन बना लिया है कि जब तक इस काले अध्यादेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वापस नहीं लेते हैं, तब तक इस अध्यादेश से दिल्ली को होने वाले नुकसान के बारे में हर गली-मोहल्ले में लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसी के तहत 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के हर मोहल्ले, गली और चौराहे पर काले अध्यादेश का पुतला और प्रतियां जलाई जाएंगी।
पूरे दिल्ली के लोगों ने बुधवार को शाम छह बजे मोदी सरकार द्वारा लाए गए काले अध्यादेश का पुतला और प्रतियां जलाकर विरोध जताया। इस दौरान बड़ी संख्या में दिल्ली के लोगों ने भाग लिया और केंद्र की मोदी सरकार से काले अध्यादेश को वापस लेने की मांग की। जनता का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश दिल्ली के हक में नहीं है और चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करता है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश के तहत दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया था। वहीं, एक सप्ताह बाद ही केंद्र की मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया और दिल्ली की चुनी हुई सरकार को मिले सारे अधिकार वापस ले लिया है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली पर थोपे गए काले अध्यादेश के खिलाफ सड़क पर उतर कर दिल्लीवालों के हकों की लडाई लडने का एलान किया है। पूर्व घोषित कार्यक्रम तहत बुधवार को ‘‘आप’’ के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने दिल्ली की विभिन्न विधानसभाओं में अध्यादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। वहीं, 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के दिल्ली के हर मोहल्ले, गली और चौराहे पर काले अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी। ‘‘आप’’ का कहना है कि दिल्ली के लोग इस काले अध्यादेश से खुश नहीं हैं और केंद्र सरकार ने दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया है। इससे दिल्लीवाले बहुत नाराज हैं। अब तो भाजपा के कट्टर समर्थक भी केंद्र के काले आध्यादेश के विरोध में हैं। एलजी के जरिए भाजपा असंवैधानिक तरीके से दिल्ली पर कब्जा करना चाहती है।