
नई दिल्ली।
देश की प्रतिष्ठित सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था “उद्भव” द्वारा दिल्ली के ‘होलीडे इन’, मयूर विहार में आयोजित उद्भव सांस्कृतिक सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह के मुख्यअतिथि दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान में यमुनापार विकास बोर्ड के चेयरमैन अरविंदर सिंह लवली, समारोह अध्यक्ष कुशाभाई ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति एवं नेशनल बुक ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ. बल्देव भाई शर्मा, मुख्य वक्ता जाने-माने शिक्षाविद डॉक्टर अशोक पांडेय, विशिष्ट अतिथि
अमेरिका से वरिष्ठ हिंदी सेवी इंद्रजीत शर्मा, आगरा से पधारे प्रो. डॉ. उमापति दीक्षित एवं ‘उद्भव संस्था’ के महासचिव-कवि डॉ.विवेक गौतम ने वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल की दो कृतियों ‘सूर्यास्त’ एवं ‘अल्टीमेट एविडेंस’ का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर ‘उद्भव’ द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय सम्मान-2025 से नेशनल एक्सप्रेस समूह के संस्थापक अध्यक्ष विपिन गुप्ता, डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के डीन प्रो.लवकुश मिश्रा,दि.वि.में संस्कृत की पूर्व प्रो.सरोज खन्ना, सुप्रसिद्ध लेखिका एवं शिक्षाविद् रेणु हुसैन, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सौम्यजीत पाणी, लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक शर्मा, साहित्यकार डॉ. मधु चतुर्वेदी, निदेशक ‘स्कूआस ब्रेवरीज़ और बेवरेजस’ गौरव शर्मा, नोएडा फ़िज़िकल एजुकेशन कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. सुशील राजपूत, बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के संयुक्त महासचिव डॉ.आकाश कौशिक, एक्यूप्रेशर थैरेपिस्ट डॉ. संजीव कुमार शर्मा, समाजसेवी सुशील गौतम, मीडिया कर्मी किरण शर्मा, प्रधानाचार्य दिल्ली सरकार एवं लेखिका शीतल, नेट बॉल कोच प्रवीण नागर और अधिवक्ता साकेत कोर्ट गगन भारद्वाज के साथ-साथ सुप्रसिद्ध अधिवक्ता शेतुका गौड़ सम्मिलित थे।
इस महत्वपूर्ण वैचारिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का संचालन “उद्भव” के महासचिव-कवि डॉ. विवेक गौतम ने किया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी एक महान व्यक्तित्व थे जिनका हस्तक्षेप न केवल राजनीति में बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में गहरा था। उनके नाम पर उनकी स्मृति में ‘उद्भव’ द्वारा प्रदान किया जा रही है सम्मान बताते हैं कि सार्थक कार्यों और सम्मानों का गहरा अंतर्संबंध है। उन्होंने कहा कि मनुष्यता को श्रेष्ठ आचरण, साहित्य और सांस्कृतिक चेतना से ही बचाया जा सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. डॉ.बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि व्यक्ति का मूल्यांकन अपने कार्य क्षेत्र, निजी जीवन तथा मानवीय मूल्यों के आधार पर होता है। उन्होंने उद्भव के सूत्र वाक्य संवाद से राष्ट्र निर्माण कि ओर संकेत करते हुए कहा की आज परिवारों में संवादहीनता की स्थिति है जो की गंभीर स्थितियों की ओर संकेत करती है।
समारोह में विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक पांडेय, डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल, अमेरिका से पधारे इंद्रजीत शर्मा एवं प्रो. उमापति दीक्षित ने भी समारोह में अपना उद्बोधन दिया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन जाने-माने अधिवक्ता दर्शनानंद गौड़ ने किया।
सम्मान समारोह में देश के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे जिनमें सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता चंद्रशेखर आश्री, दर्शनानंद गौड़, लेखक अमरनाथ ‘अमर’, राकेश पांडेय, लेखिका डॉ. वीणा मित्तल, इंजी.अमोल प्रचेता, रवि शर्मा, इंजी.अनंत प्रचेता, एकता गौतम, मीनाक्षी शर्मा, मदन मोहन गौतम, शिक्षाविद् सतीश शर्मा, अधिवक्ता भव्य गौड़ भवानी, अमन टंडन, गौरव गौरव, राजेंद्र पारचा, अरविंद द्विवेदी,प्रेम मिश्रा, राजेंद्र गोयल, नंदकिशोर शर्मा, सुनील कुमार, विक्रम द्विवेदी, मीनाक्षी जटाना,राजू बोहरा और दिनेश उप्रेती प्रमुख थे।



