
दिल्ली मेट्रो विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी, 12,015 करोड़ की परियोजना से 400 किमी के पार होगा नेटवर्क
वीना टंडन
नई दिल्ली।दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन को नई रफ्तार देने की दिशा में एक अहम फैसला लेते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के विस्तार को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर केंद्र सरकार 12,015 करोड़ रुपये खर्च करेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली मेट्रो में रोजाना करीब 65 लाख यात्री सफर करते हैं, जबकि त्योहारों और विशेष अवसरों पर यह संख्या 80 लाख से अधिक पहुंच जाती है।
सरकारी मंजूरी के बाद दिल्ली मेट्रो में 16 किलोमीटर लंबी नई लाइन बिछाई जाएगी। इसके पूरा होने के साथ ही राजधानी का मेट्रो नेटवर्क 400 किलोमीटर के आंकड़े को पार कर जाएगा। दिल्ली मेट्रो पहले ही देश के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क में शामिल है और इस नए विस्तार से दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर होने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि इससे सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक जाम से भी बड़ी राहत मिलेगी और निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
इधर, दिल्ली सरकार ने भी सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के उद्देश्य से एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) फेज-चार के तीन प्रमुख कॉरिडोर पर काम तेज करने का फैसला किया है। इनमें लाजपत नगर से साकेत, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और रिठाला से कुंडली (हरियाणा) तक के कॉरिडोर शामिल हैं। इन मार्गों के विकसित होने से न केवल दिल्ली के भीतर आवागमन सुगम होगा, बल्कि दिल्ली और एनसीआर के बीच यात्रा करने वालों को भी बेहतर और सुलभ विकल्प मिलेगा।
इस परियोजना के लिए दिल्ली सरकार ने 3,386.18 करोड़ रुपये का वित्तीय भार स्वयं उठाने का निर्णय लिया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 940 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं, जबकि 336 करोड़ रुपये की अगली किस्त जारी करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार मेट्रो के फेज-एक, दो और तीन से जुड़ी पिछली देनदारियों के रूप में करीब 2,700 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर रही है।
सरकार और अधिकारियों का मानना है कि दिल्ली मेट्रो का यह विस्तार राजधानी और एनसीआर क्षेत्र के लाखों यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा और भविष्य की परिवहन जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
