
दिल्ली में स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले लेनी होगी अभिभावकों की मंजूरी
नई दिल्ली।प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी अब सरकार के निशाने पर है। सालों से पेरेंट्स इस मुद्दे पर आवाज़ उठाते रहे हैं, लेकिन अब जाकर एक बड़ा और सख्त कदम उठाया गया है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एक नए कानून को मंजूरी दे दी है।
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रिपोर्ट
स्कूल के नियमों का यह उल्लंघन सिर्फ पेरेंट्स के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षा निदेशालय और सरकार के लिए भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ था। प्राइवेट स्कूलों द्वारा लगातार और बिना किसी ठोस वजह के फीस बढ़ाने से पेरेंट्स पर बेवजह आर्थिक बोझ डाला जा रहा था।
पेरेंट्स और सामाजिक संगठनों की लंबे समय से मांग थी कि एक ऐसा सख्त और साफ कानून लाया जाए, जो स्कूलों को जवाबदेह बनाए और मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाए। अब सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने प्राइवेट स्कूलों में फीस तय करने और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने वाले नए कानून को मंजूरी दे दी है। सरकार का दावा है कि यह कानून प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को ट्रांसपेरेंट, जवाबदेह और आम लोगों के लिए किफायती बनाएगा।
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एक्सपर्ट्स की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक लागू नियम कमजोर थे और उनका पालन अनिवार्य नहीं था। इसी का फायदा उठाकर कई प्राइवेट स्कूल अपनी मर्ज़ी से फीस बढ़ाते रहे।
नए कानून के लागू होने से स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी और फीस रेगुलेशन अब सिर्फ नियम नहीं, बल्कि ज़रूरी शर्त बन जाएगा।
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पेरेंट्स का आरोप
पिछले कुछ सालों में कई प्राइवेट स्कूलों ने बिना किसी ट्रांसपेरेंसी के फीस बढ़ाई।
पेरेंट्स को फैसलों में शामिल नहीं किया गया
फीस स्ट्रक्चर और खर्च की जानकारी छिपाई गई
फंड के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे
इतना ही नहीं, कई स्कूलों ने पेरेंट्स के चुनाव के बिना ही स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां बना लीं। नतीजा ये हुआ कि पेरेंट्स फीस बढ़ाने से पहले विरोध तक नहीं कर पाए।
जहां SMCs बनीं भी, वहां उन्हें ऑडिट रिपोर्ट, बजट या खर्च के रिकॉर्ड तक नहीं दिए गए।
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नया कानून क्या बदलेगा?
यह कानून पेरेंट्स को एक सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद सिस्टम देने का वादा करता है—
✅ फीस तय करने और बढ़ाने की प्रक्रिया में पेरेंट्स की अनिवार्य भागीदारी
✅ स्कूलों को फाइनेंशियल स्टेटमेंट, खर्च और फंड के इस्तेमाल का पब्लिक खुलासा करना होगा
✅ शिकायतों के निपटारे के लिए मजबूत और साफ सिस्टम
✅ बिना इजाजत या गैर-कानूनी फीस बढ़ोतरी पर तुरंत कार्रवाई
✅ किसी भी फीस बढ़ोतरी से पहले पूरी प्रक्रिया और सरकारी मंजूरी जरूरी
कुल मिलाकर, यह कानून प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर ब्रेक लगाने और पेरेंट्स को उनका हक दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि ज़मीन पर यह कानून कितना असरदार साबित होता है।
स्टार न्यूज़ टेलिविजन के लिए वीना टंडन की रिपोर्ट






