
गढ़मुक्तेश्वर में फर्जी अंतिम संस्कार का पर्दाफाश, पुतला जलाने पहुंचे लोग गिरफ्तार
वीना टंडन
नई दिल्ली/गढ़मुक्तेश्वर
शमशान घाट पर उस समय हड़कंप मच गया जब अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे कुछ लोगों पर संदेह जताते हुए स्थानीय लोगों ने चिता पर रखे शव का कपड़ा हटाया। जैसे ही कपड़ा उठा, सामने इंसानी शव नहीं बल्कि एक पुतला पड़ा मिला। मौके पर भीड़ जुट गई और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके से दो लोगों को दबोच लिया, जबकि अन्य मौके से फरार होने में सफल रहे।
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दिल्ली से रचा गया फर्जी अंतिम संस्कार का खेल
जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला दिल्ली के पालम इलाके के कपड़ा व्यापारी कमल सोमानी से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि करोल बाग स्थित उसकी दुकान पर करीब 23 लाख रुपये का पुश्तैनी कर्ज था, जो बढ़ते-बढ़ते 50 लाख रुपये तक पहुंच गया था। लगातार बढ़ते दबाव के चलते सोमानी ने इस कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए एक बेहद खतरनाक और शातिर प्लान तैयार कर लिया।
उसने अपनी ही दुकान में काम करने वाले ओडिशा निवासी अंशुल (30 वर्ष) के नाम पर ऑनलाइन 50 लाख रुपये का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस करा दिया, वह भी बिना अंशुल को बताए। योजना थी कि अंशुल का फर्जी अंतिम संस्कार दिखाकर शमशान घाट से पर्ची ली जाएगी और इसके आधार पर इंश्योरेंस क्लेम किया जाएगा।
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दोस्त को बताया रिश्तेदार का अंतिम संस्कार, बना लिया गवाह
कमल सोमानी अपने दोस्त आशीष खुराना को साथ लेकर गढ़मुक्तेश्वर पहुंचा। आशीष को बताया गया कि वे किसी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए हैं। इस पर उसने अपनी कार और मदद उपलब्ध करा दी। पुलिस जांच में सामने आया कि सोमानी ने अपनी असली योजना—फर्जी अंतिम संस्कार—के बारे में आशीष को पूरी जानकारी नहीं दी थी।
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नगर पालिका कर्मचारियों की सतर्कता से खुली पोल
चिता के पास मौजूद नगर पालिका कर्मचारियों को कुछ गड़बड़ लगी। उन्होंने चिता पर रखे ‘शव’ की जांच कराई, तो पूरी साजिश का पता चल गया। कर्मचारियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमल सोमानी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि कुछ साथी फरार हो गए।
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पुलिस जांच जारी, कई और खुलासों की संभावना
पुलिस ने सोमानी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अंशुल व आशीष से पूछताछ की जा रही है। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अंशुल को इंश्योरेंस और साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जबकि आशीष को भी केवल अंतिम संस्कार में ‘मदद’ के नाम पर लाया गया था।
पुलिस का कहना है कि यह एक सोची-समझी फर्जीवाड़े की योजना थी, जिसमें इंश्योरेंस क्लेम के जरिए लाखों रुपये हड़पने का प्रयास किया गया। मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।





