
सराहनीय कदम; मरणोपरांत सेवा का सच्चा तरीका;दो लोगों ने किया देहदान
स्टार न्यूज़ टेलीविजन
राकेश पाण्डेय
लखनऊ/सुल्तानपुर जिले के मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में आज एक अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक क्षण देखा गया, जब दो व्यक्तियों द्वारा अपने देह के दान का घोषणा पत्र हस्ताक्षर कर अपना देह मरणोपरांत एनाटॉमी विभाग में विद्यार्थियों के अध्यन हेतु दिए जाने की घोषणा की। ये दान चिकित्सा शिक्षा और शोध में अमूल्य योगदान देंगे।
दान की परंपरा में अपने महत्वपूर्ण योगदान को दर्ज करवाते हुए सिविल लाइन निवासी 76 वर्षीय श्री राम सुमेर व गायत्री शक्ति पीठ से जुड़े 44 वर्षीय श्री सरजू वानप्रस्थी ने अपने देह का दान स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सुल्तानपुर के शव विभाग को किया ।
दानकर्ताओं की श्रृंखला में जुड़े दो महत्वपूर्ण नाम समाज के प्रतिष्ठित एवं जिम्मेदार वर्ग से आने वाले वक्त के लिए नैतिकता को सृजित करने व पीढ़ियों को उत्तरदायित्व का बोध करवाने का आह्वान किया।
इन दोनों महान आत्माओं ने अपने जीवनकाल में ही यह संकल्प लिया कि मृत्यु के उपरांत उनका शरीर चिकित्सा शिक्षा के लिए दान किया जाएगा।
उनके परिवारजनों ने भी इस निर्णय में पूर्ण समर्थन देते हुए इसे साकार करने का विश्वास दिलाया।
एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ वंदना दीक्षित ने कहा कि “इन दोनों व्यक्तियों का यह त्याग भावी डॉक्टरों की शिक्षा में एक अनमोल साधन सिद्ध होगा। यह समाज को यह संदेश देता है कि मृत्यु के बाद भी सेवा संभव है। हम उनके इस महान योगदान को नमन करते हैं।”
सर्व विदित है कि देह दान की घोषणा किये व्यक्तियों के शरीरों को मरणोपरांत विभाग में संरक्षित किया जाता हौ और उनका उपयोग मेडिकल छात्रों की एनाटॉमी शिक्षा व अनुसंधान के लिए किया जाता है, ताकि आने वाले चिकित्सकों को बेहतर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो सके।
प्राचार्य डॉ सलिल श्रीवास्तव ने भी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे भी इस पुनीत कार्य के विषय में विचार करें और समाज के हित में ऐसी पहल को आगे बढ़ाएं।
कार्यक्रम के दौरान विभाग के सहायक आचार्य डॉ अंशुमान सिंह , डॉ सुरेंद्र यादव व चिकित्सक डॉ शिवांगी सिंह , डॉ ध्रुवंकित डॉ कुनाल झा आदि चिकित्सक व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।