
ऑल सेंट्स स्कूल में ‘होलिस्टिक एंड मल्टीडिसकीप्लीनरी अप्प्रोचेस’ पर टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम अप्सा के तत्वाधान मैं आयोजित किया गया।
ऑल प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) के तत्वाधान में ऑल सेंट्स स्कूल, कहरई , शमशाबाद रोड, आगरा में *‘होलिस्टिक एंड मल्टीडिसकीप्लीनरी अप्प्रोचेस’* पर एक दिवसीय टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में शहर के 40 विद्यालयों के 130 शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को समग्र और बहु-विषयक शिक्षण पद्धतियों से परिचित कराना था, जिससे वे कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावी और रुचिकर बना सकें। कार्यक्रम का आरम्भ रिसोर्स पर्सन श्रीमती कला मोहन, विद्यालय के निर्देशक श्री त्रिलोक सिंह राणा और मास्टर युवराज द्वारा माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर के किया गय। इसके उपरांत छात्रों ने स्वागत नृत्य नित्य प्रस्तुत कर सभी शिक्षकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर अप्सा परिषद के प्रतिष्ठित सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. सुशील सी. गुप्ता (अध्यक्ष), डॉ. जी.एस. राणा (उपाध्यक्ष), डॉ. गिरिधर शर्मा (सचिव), श्री प्रदुम्न चतुर्वेदी (कोषाध्यक्ष), श्री त्रिलोक सिंह राणा (संयुक्त सचिव) डॉ . अभिषेक कुमार गुप्ता , श्री मनीष गुप्ता , श्री अनिकेत शर्मा, श्री अनिमेष दयाल, श्रीमति शुभी दयाल, श्री प्रांजल शर्मा, श्री शिवांजल शर्मा, श्रीमती अपूर्वा शर्मा, श्री विशाल सिंह मलान, श्रीमती रश्मि सिंह मलान, श्री पुलकित सचदेवा, श्री प्रदीप चाहर, श्री भूप सिंह इंदौलिया प्रमुख रूप से शामिल थे।
टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम की रिसोर्स पर्सन श्रीमती कला मोहन, जो एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् हैं और मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर किया है, उन्होंने विद्यार्थियों के समग्र विकास पर बल दिया और यह दर्शाया कि इसे बहु-विषयक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रभावी रूप से कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
शिक्षकों ने कार्यशाला में गहन विचार-विमर्श किया और कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए विभिन्न नवाचारों पर चर्चा की। कार्यशाला में अनुभवात्मक शिक्षण, अंतःविषय समन्वय और रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया। पाठ्यक्रम में कला, खेल और व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करने पर जोर दिया गया ताकि समग्र शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को विकसित करने के लिए बहुविषयक शिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। कला, खेल और व्यावसायिक कौशल को अकादमिक विषयों के साथ जोड़ने के तरीकों पर चर्चा की, जिसमें गणित और कला को जोड़कर पाठ पढ़ाने जैसे उदाहरण प्रस्तुत किए गए।
व्यावहारिक क्रियान्वयन के तहत, जीवन कौशल, नैतिक शिक्षा और मूल्यों को अकादमिक शिक्षा के साथ जोड़ते हुए पाठ योजनाएँ तैयार करने पर जोर दिया गया। सत्र के दौरान शिक्षकों को नाटकों, रोल-प्ले और कला परियोजनाओं जैसी गतिविधियों को शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे शिक्षण अधिक प्रभावी और रोचक बनाया जा सके।
कार्यक्रम के अंत में, स्कूल के प्रधानाचार्य श्री योगेश उपाध्याय ने सभी सम्मिलित शिक्षकों को आज के कार्यक्रम में आने के लिए बधाई एवं धन्यवाद दिया तथा सभी को समग्र शिक्षा (Holistic Education) पर जोर देने और इसकी महत्ता को समझने के लिए प्रेरित किया। इसके पश्चात सभी ने मिलकर सामूहिक फोटोग्राफ ली, शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, और अंत में सभी ने साथ में भोजन कर कार्यक्रम का समापन किया।