Delhiताज़ा तरीन खबरें

पूर्वांचल:हाईवे निर्माण मे भूमि अधिग्रहण घोटाला: 4 कानूनगोय सहित 10 कर्मी दोषी सभी निलंबित

स्टार न्यूज़ टेलीविजन

राकेश की रिपोर्ट

वाराणसी: जौनपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच में चार राजस्व निरीक्षकों समेत 10 कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिये है।

घोटाले में चार करोड़ रूपये से जयादा का फर्जी भुगतान किया गया था। राजस्व निरीक्षकों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे खड़े किये गये 46 काश्तकारों को घोटाले की राशि का भुगतान किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नियुक्ति विभाग ने इन्हें निलंबित करने की कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को फाइल भेज दी है।

*क्या है जमीन अधिग्रहण घोटालायह है पूरा मामला*

जौनपुर में मड़ियाहू बाईपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 135ए के) के निर्माण के लिए बदलापुर, मड़ियाहू, मछलीशहर और सदर तहसील के 14 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। अक्टूबर माह में घोटाले की जानकारी सामने आने पर शासन ने इसकी जांच शुरू कराई थी।जांच में सामने आया है कि सक्षम प्राधिकारी, भूमि अध्याप्ति राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय की मदद से 46 काश्तकारों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें भुगतान के लिए 45442759 रूपये का चेक जारी किया गया था। और 40029741.00 रूपये का भुगतान भी कर दिया गया। 5413018 रूपये का चेक जांच समिति ने रद्द कर दिया।

नियुक्ति विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कार्यालय सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति जौनपुर में तैनात राजस्व निरीक्षक शिवकुमार, बृजेश सिंह, संतोष तिवारी व उदयराज को फर्जी भुगतान के लिए दोषी पाया गया हैं

*कई शातिर घोटाले मे थे शामिल लगातार गिर रही गाज*

इसके अलावा अमीन मिलानकर्ता के पद पर तैनात अनिल मंडल, आशीष कुमार सिह, अनिल यादव, हिमांशु शर्मा, रोबिन साहू व सौरभ मौर्या को भी दोषी पाया गया है। इस मामले में आगे की कार्यवाही राजस्व परिषद को करनी है। इस घोटाले में अपर जिलाधिकारी भू राजस्व व सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति गणेश प्रसाद पहले ही निलंबित किये जा चुके है।

*पर्यावरण सचिव आशीष तिवारी भी किये गये प्रतीक्षारत नाईट सफारी का भी छिना पद*

प्रदेश सरकार ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी आशीष तिवारी को पर्यावरण, वन जलवायुक परिवर्तन विभाग के सचिव पद से हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया हैं उनके अतिरिक्त प्रभार निदेशक पर्यावरण एवं निदेशक नाइट सफारी का पद भी स्वतः समाप्त हो गया है। विभागीय प्रमुख सचिव अनिल कुमार द्वारा आशीष तिवारी को प्रतीक्षारत किये जाने सम्बन्धी आदेश जारी किया गया है।

*मानको को पूरा किये बिना स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति देने वाले मनोज भी फसे*

गौरतलब है कि पिछले दिनो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह को पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया था। सिंह 31 दिसम्बर को रिटायर हो रहे है। प्रदेश में कई स्थानों पर मानको को पूरा किये बिना स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति देने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई थी।

जांच में स्लाटर हाउसों को मनमाने तरीके से एनओसी देने की बात सही पाये जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी विवके राय व क्षेत्रीय अधिकारी डा0 अनिल माथुर को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। मनोज सिंह के प्रधान निजी सचिव राजीव कुमार भी विभाग से हटाये जा चुके है।

StarNewsHindi

All news article is reviewed and posted by our Star News Television Team. If any discrepancy found in any article, you may contact [email protected] or you may visit contact us page

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button