प्लास्टिक रिसाइक्लिंग पर जुलाई में वैश्विक सम्मेलन 4 से 7 जुलाई तक भारत मंडपम में आयोजित होगा कार्यक्रम
सुषमा रानी
नई दिल्ली: प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल, पर्यावरण पर इसके असर और समाधान के लिए उठाए जाने वाले कदमों को ध्यान में रखते हुए, ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफ़ैक्चरर्स असोसिएशन (AIPMA) और केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफ़ैक्चरर्स असोसिएशन (CPMA) एक कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रहे हैं। ग्लोबल कॉन्क्लेव ऑन प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एंड सस्टेनबिलिटी (GCPRS) का आयोजन 4 से 7 जुलाई, 2024 को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में होगा, जिसमें देशभर से कई कारोबारी और विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। यहां एक प्रदर्शनी के ज़रिए पर्यावरण सुरक्षा और प्लास्टिक रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, स्थायी समाधानों और कचरा प्रबंधन के नवीन तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान AIPMA के गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन अरविंद मेहता, GCPRS 2024 के चेयरमैन हितेन भेडा और AIPMA के सीनियर वाइस प्रेज़ीडेंट मनोज आर. शाह ने कहा कि आम जीवन में प्लास्टिक का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। जैसे-जैसे प्लास्टिक उद्योग का विस्तार हो रहा है, पर्यावरण सुरक्षा के लिए चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से भूमि, हवा, पानी हर जगह प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। GCPRS का मकसद इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अत्याधुनिक रीसाइकलिंग टेक्नोलॉजी, बायोडिग्रेडेबल व कम्पोस्टेबल समाधान उपलब्ध कराने के साथ-साथ, प्लास्टिक कचरा के निस्तारण की पर्यावरण अनुकूल रणनीतियों को उजागर करना है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस कार्यक्रम का समर्थन किया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, स्वच्छ भारत मिशन, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई मंत्रालय) और रसायन और उर्वरक और अन्य सहायता मंत्रालय के प्रति हम विशेष आभार जताते हैं।
वहीं, केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CPMA) के अध्यक्ष कमल नानावती ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एक वैश्विक मुद्दा है जिसके लिए सभी मूल्य श्रृंखला प्रतिभागियों और सरकार के बीच सहयोग की आवश्यकता है। इसे संबोधित करने के लिए, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और स्थिरता पर वैश्विक सम्मेलन (GCPRS) का उद्देश्य समाधान विकसित करने के लिए संवाद और चर्चा के लिए एक मंच बनाना है
प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के परिप्रेक्ष्य में यह कॉन्क्लेव बेहद अहम है, जिसमें प्लास्टिक रिसाइकल उद्योग से जुड़े कारोबारी व कंपनियां, मशीनरी निर्माता, प्लास्टिक कचरे के निस्तारण से जुड़े कारोबारी, बायोपॉलिमर और कम्पोस्टेबल प्रॉडक्ट के निर्माता, कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता, स्टार्ट-अप उद्यमी और टेस्टिंग व मानक से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि GCRPS में प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी पर प्रदर्शनी के अलावा, 4 जुलाई को सीईओ स्तर का एक गोलमेज सम्मेलन भी होगा। वहीं, 5 और 6 जुलाई को पैनल चर्चाओं में ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उद्योगों में प्लास्टिक वेस्ट रीसाइकल पर चर्चा की जाएगी।