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यौम अल-कुद्स को रमजान महीने के आखिरी शुक्रवार से बेहतर ईद की दस तारीखों पर मनाया जाना चाहिए, मौलाना हसनअली राजाणी
मुंबई, २९ अप्रैल/मौलाना हसनअली राजाणी ने कहा कि मुस्लिम जगत पर जो अत्याचार हो रहे हैं, उससे पूरी दुनिया इस हद तक वाकिफ हो चुकी है कि अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी उसे छुपा नहीं पा रही है। मौलाना राजाणी ने कहा। कुछ लोग पूरी दुनिया में रमज़ान के पवित्र महीने के आखिरी शुक्रवार को फलस्तीन के समर्थन में रैली निकालते हैं, जिसमें मैंने खुद भारत के बाहर ऐसी रैलियों में शामिल हुआ हूं जहां कोई लाठीचार्ज नहीं बल्कि सीधी गोलीबारी होती है। मौलाना राजाणी ने कहा कि अभी कुछ साल पहले लखनऊ में कुद्स रैली में मुझ पर लाठी चार्ज किया गया था, जिसमें हमारे एक साथी करार मेहदी शहीद हो गये थे. और कई शिया विद्वानों के हाथ और पैर के अलावह उन के रोज़े भी टूटे , इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मौलाना हसन अली राजाणी ने कहा कि मुसलमानों को रमजान के पूरे महीने में उपवास और प्रार्थना के माध्यम से अपने खुदा से मदद मांगनी चाहिए और विशेष रूप से फ़िलिस्तीनीयो के लिए प्राथना करना चाहिए। और फिर शव्वाल-उल-मुकर्रम की दसवीं तारीख को दुनिया के हर कोने में अनेरिका और इजराइल के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर के खुद को ज़ालिम का विरोधी और मज़लूमो का समर्थक साबित करें।