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गुरु तेग बहादुर साहिब थे हिंद की चादर

स्टार न्यूज टेलिविजन आगरा

कुर्बानी देकर कि हिंदू धर्म व भारतीय संस्कृति की रक्षा की
शहीदी दिवस पर गुरु के ताल में होगा भव्य समागम

शाम 7 से 10 बजे तक विशेष रागी जत्थे व धर्म प्रचारक करेंगे संगत को निहाल

शहीदी पर्व के पोस्टर का पूरा विमोचन

हिंद की चादर तेग बहादुर साहिब का शहीदी दिवस 17 दिसंबर को पूरे विश्व भर में मनाया जा रहा है। आगरा के गुरुद्वारा गुरु का ताल में इस अवसर पर विशेष कीर्तन समागम का आयोजन किया जा रहा है। गुरुद्वारा गुरु का ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया गुरुद्वारा गुरु का ताल वह ऐतिहासिक स्थान है जहां से श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की गिरफ्तारी हुई थी और उन्हें यहां 9 दिन नजर बंद भी रखा गया था। 9 दिन तक इस स्थान पर गुरुजी ने बैठकर तप किया। इसके बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया जहां चांदनी चौक में उनकी शहादत हुई। जिस स्थान पर गुरुजी की गिरफ्तारी हुई थी उसे स्थान पर गुरुद्वारा मंजी साहिब स्थापित है और जहां गुरु जी ने 9 दिन तक बैठकर तप किया था। वहां भोरा साहिब आज भी अपने पुराने ऐतिहासिक स्वरूप में विद्यमान है। बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया की शहीदी पर्व की शुरुआत 14 दिसंबर को मंजी साहिब के दूध के स्नान के साथ हुई थी । जिसके बाद 15 दिसंबर को अखंड पाठ साहिब रखे गए। 17 दिसंबर सुबह अखंड पाठ साहिब की समाप्ति होगी और शाम को 7 से 10 बजे तक भव्य कीर्तन समागम का आयोजन किया जा रहा है । गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसवीर सिंह ने बताया कि कीर्तन समागम मे अनेक रागी जत्थे,धर्म प्रचारक अपनी अमृतवाणी से संगत को निहाल करेंगे ।मुख्य रूप से श्री दरबार साहिब अमृतसर से भाई स्वरूप सिंह जी रूप कीर्तन के लिए आ रहे हैं। जबकि पीटीसी चैनल के डॉक्टर हनवंत सिंह जी पटियाला भी यहां हाजिरी भरेंगे।

गुरु तेग बहादुर साहिब थे हिंद की चादर

सिख धर्म के नवे गुरु गुरु तेग बहादुर साहिब को हिंद की चादर के नाम से भी सुशोभित किया जाता है ।जिस समय पूरे देश में मुगलों का अत्याचार चरम पर था वह औरंगजेब तेजी से धर्मांतरण कर लोगों को इस्लाम कबूल करा रहा था तब कश्मीर के अनेक ब्राह्मण पंडित कृपाराम दत्त के नेतृत्व में गुरु महाराज से मिलने आए और उन्होंने उन्हें बताया कि इस समय सनातन धर्म खतरे में है। उस समय गुरु गोविंद सिंह जी की आयु मात्र 9 वर्ष थी वह भी दरबार में मौजूद थे और उन्होंने अपने पिता गुरु तेग बहादुर साहिब से पूछा कि उनकी मदद कैसे की जाएगी। गुरु जी ने कहा कि यदि कोई महापुरुष इनके धर्म की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे तो सनातन की रक्षा की जा सकती है। यह बात सुनकर तुरंत गुरु गोविंद सिंह जी का कहना था कि इस समय आपसे बड़ा महापुरुष दुनिया में कोई नहीं है ।लिहाजा आप बिना संकोच करे इनकी हर सम्भव मदद करें। इसके बाद गुरु गोविंद सिंह जी ने उन ब्राह्मणों की हर तरह से रक्षा करने का वचन दिया ।यह बात सुनकर वे सभी प्रसन्न हुए और उन्होंने औरंगजेब को संदेश भिजवाया कि यदि वह गुरु तेग बहादुर साहिब को इस्लाम कबूल करा लेंगें तो सभी ब्राह्मण इस्लाम कबूल कर लेंगे। यह बात सुनकर औरंगजेब भी काफी प्रसन्न हुआ उसको लगा कि मात्र एक व्यक्ति को इस्लाम कबूल करा देने से पूरा हिंदुस्तान इस्लाम में तब्दील हो सकता है और उसका पूरा जोर गुरु जी के धर्म परिवर्तन पर लग गया अपने अत्याचार की हर सीमा को पार करते हुए औरंगजेब ने गुरुजी पर जुल्म किया लेकिन वह उनका धर्म परिवर्तन नहीं कर सका इसके बाद आखिरकार गुरुजी की शहादत भी हुई लेकिन भारतवर्ष की संस्कृति ,धर्म, सभ्यता सभी का इस्लामीकरण होने से बच गया।

विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है लंगर

संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया कि इस विशेष पर्व के लिए विशेष रूप से सरसों का साग व मक्के की रोटी बनाई जाएगी ।जिसके लिए काफी पहले गुरुद्वारे के खेतों में सरसों को उगाया गया था। गुरुद्वारे में पैदा हुई सरसों की फसल को तोड़कर पूरी श्रद्धा के साथ सरसों का साग तैयार किया जा रहा है। लगभग 3 कुंतल से अधिक सरसों को तोड़कर यह साग तैयार किया जाएगा। इसके अलावा कड़ी चावल के साथ-साथ ब्रेड पकोड़ो का लंगर भी संगत के लिए उपलब्ध रहेगा।

शहीदी पर्व के पोस्टर का हुआ विमोचन

गुरु तेग बहादुर साहिब की शहीदी दिवस की पोस्टर का विमोचन गुरुद्वारा गुरु का ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने मीटिंग हॉल में किया गया ।इस दौरान संत बाबा प्रीतम सिंह ,जत्थेदार बाबा राजेंद्र सिंह ,बाबा अमरीक सिंह, हेड ग्रंथी हरबंस सिंह ,ग्रंथी टीटू सिंह ,महंत हरपाल सिंह ,दलजीत सिंह सेतिया , परमजीत सरना व शेर सिंह मौजूद रहे।
आगरा से अमीन अहमद की रिपोर्ट

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