चुनौती 2024 – एक विमर्श
एक प्रभुद्ध सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक सर्व सेवा संघ द्वारा आयोजित गाँधी सेवा ग्राम वर्धा में 12-13 दिसम्बर ,2023 को आहूत की गई ,मुझे भी उस सभा के लिए आमंत्रित किया गया , मैने अपनी बात कहते हुए यह बताया कि संघ (RSS ) जो अपनी शताबदी का वर्ष पर अपने अजेंडा हिन्दू राष्ट्र के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं , वह पूरी तरह साम दाम दंड भेद पर उतारू हैं उसने यह संदेश 2014 में ही दे दिया था जैसा मृणाल पांडे सम्पादिका हिन्दुस्तान ने उस से पहले ही अंकित कर दिया था “संघ को एक ऐसे व्यक्ति की तालाश थी जो उसके अजेंडा को स्वच्छन्दता से लागू करे , उस के राज में कोई यह न कह सके कि मैं वंदे मात्रम नहीं कहूँगा l उसके लिए मोदी जी की 2002 की कार्यवाही से संघ को यह स्थापित हो गया था तो यही उसके लिए सबसे प्रभावशाली साबित हुए जो गोलवालकर के उस विचार को पूरी तन्देही से लागू कर सकेंगे ” देश में दो तीन साहुकार हों ज़िनके हाथों में देश की पूरी परि सम्पत्ति हो और शेष उसकी भीख पर पलें तो इस प्रकार 7 जन्मों तक राज करने में कोई नही रोक सकता ” मोदी जी ने वही करने की ओर कदम बढाया आज अदानी का वही स्थान हो गया हैं , फिर नोट बन्दी से इसी को आगे बढ़ा दिया , फिर एक देश एक कर का सूत्र करने से अमीर और गरीब का वर्गीकरण कर उस 80 करोड जनता को 5 किलो अनाज पर नया नाम भिखारी के स्थान पर लाभार्थियों की फौज को खड़ा कर दिया , 2019 के चुनाव को हिन्दू हृध्य सम्राट को केन्द्र बिन्दू पर चुनाव को खेल दिया , यहीं बस नही Covid 19 में लाखों लोग मर गये आर्थिक व्यवस्था भी चौपट होने के कगार पर बस अपने किये कदम को स्थापित हेतु थाली कौली ही नही बजवायी बल्कि दीप भी जलवा दिये , आम आदमी को योजना बध उसे 80 करोड लाभार्थी की कोटरी में बन्द कर दिया , अब आज जब हम 2024 की चुनौती के मुद्धे पर विमर्श कर रहे हैं तो हमें अपना आत्म आवलोकन करना होगा क्यों मन मोहन सिंघ सरकार को बदनाम करने में अन्ना आंदोलन जो पूरी तरह संघ प्रायोजित में क्यों कूदे थे पुरा प्रयास सिख और मुस्लिम को अलग थलग कर दिया उसके भागीदार हम सभी जाने नही जायेंगे यह स्वीकार करना होगा l कांग्रेस पूरी तर्ज पर संघी हो गई l कांग्रेस 2014 और 2019 के चुनाव को समझें तो साफ नजर आता हैं कि कांग्रेस के पास वोट केवल 19 फीसद ही हैं शेष तो मुस्लिम सिख का ही कोर वोट था जिसे बड़े ही करीने से बिखेर दिया जो लगभग 22 फीसद हो जाता हैं उसे ही तुष्टिकरण बता दिया जबकि तुष्टिकरण सिख और मुस्लिम का नही होता यह हिन्दू का ही तुष्टिकरण ही तो हैं , यह गाँधी ही थे ज़िनके आश्वसन के कारण भारत की नीव रखी गई , गाँधी की हत्या का मूल कारण ही यही था आज वही सिख और मुस्लिम ही भुगत भोगी हैं l
इन हिन्दी पटी के चुनाव में साफ हो गया भाजपा ने चार वाबा राजस्थान में खड़े कर पुरा राजस्थान का चुनाव ही सांप्रदायिक कर दिया , इसकी तसदीक अशोक गहलोत ने ही करदी जबकि मध्य प्रदेश का चुनाव ही हिन्दू बनाम हिन्दू कमल नाथ ने ही कर दिया और मुस्लिम पूरी तरह अलग थलग पड़ गया , एक बात और भी हैं राजस्थान को ही लें SC आरक्षित 33 सीट जिसमें भाजपा के पास 22, 3 बसपा और एक अन्य अर्थात यही हाल ST का भी , यह जो INDIA गठबंधन् शगुफा हैं इन्ही चुनावों से साफ हो जाता हैं l सवाल हैं यदि सिख और मुस्लिम को ही बिखरने से रोक दिया जाये तो कांग्रेस को कहीं भी कोई नही हरा
सकता l हम सभी को इस पर फोक्स करना होगा क्योंकि केजरीवाल को तो संघ ने कांग्रेस मुक्ति के लिए खड़ा किया हैं ताकि कांग्रेस मुक्त भारत बना दिया जाये यही खेला पंजाब और दिल्ली में आजमाया जा चुका यदि फिर भी कांग्रेस अपनी आत्म हत्या पर तूली हैं तो आज की यह बैठक में यह साफ होना चाहिए l
दया सिंघ