सुषमा रानी
नई दिल्ली, ।जी 20शिखर सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष बरसात में ही राजघाट पहुंचे। जहां पीएम मोदी ने अतिथियों को शाल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया।
इसके बाद विश्व नेता और अन्य प्रतिनिधि भारत मंडपम के लीडर्स लाउंज में पहुंचेंगे. सुबह 9.40 बजे से 10.15 बजे तक भारत मंडपम में नेताओं और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों का आगमन हो जाएगा. इसके बाद सुबह 10.15 बजे से 10.30 बजे तक दुनिया भर के नेता भारत मंडपम के साउथ प्लाजा में वृक्षारोपण समारोह में भाग लेंगे. सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक जी-20 शिखर सम्मेलन का तीसरा सत्र ‘वन फ्यूचर’ होगा. जिसके बाद नेताओं की नई दिल्ली घोषणा को अपनाया जाएगा.
दिल्ली में बहुप्रतीक्षित जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) का पहला दिन नई दिल्ली घोषणा को अपनाने और एक मेगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा जैसे महत्वपूर्ण फैसलों का गवाह बना. जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन अफ्रीकी संघ (एयू) को समूह के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना शनिवार को हासिल की गई एक और उपलब्धि थी. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) द्वारा आयोजित जी-20 डिनर समारोह में सदस्य देशों के नेताओं और कम से कम 170 मेहमानों के शामिल होने के साथ दिन का समापन हुआ. आज जी-20 शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन है. आज जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन सदस्य देशों के नेता और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में हिस्सा लेंगे.
G20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे सहित कुछ प्रमुख उपलब्धियां देखी गईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ‘वैश्विक विश्वास की कमी’ को खत्म करने का आवाह्न किया. यह कहते हुए कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए’, भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन के नेताओं की घोषणा में सभी राज्यों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आवाह्न किया गया. साथ ही यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए ‘व्यापक, न्यायसंगत’ पहल की वकालत की गई.