मनमानी फीस ले रहे प्राइवेट स्कूल फीस में देरी होने पर निकाल देते हैं बाहर।
आर्थिक मंदी के कारण लाखों बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़े।
लगातार अपनी मनमानी चला रहे निजी(प्राइवेट स्कूल) जरूरत से ज्यादा फीस वसूल रहे हैं आए दिन ये खबर सामने आती है की किसी स्कूल में बच्चे की फीस न जमा होने पर उससे घर वापस भेज दिया गया या शिक्षक द्वारा उसकी पिटाई की गई।आखिर निजी स्कूलों को यह अधिकार किसने दिया की किसी भी बच्चे को परेशान किया जाए गौर करने की बात है जहां एक तरफ अध्यापक बच्चे को पढ़ाता है की किसी पर मानसिक रूप से दबाव न डाला जाए और दूसरी तरफ खुद ही फीस या किसी और बहाने बच्चे को मानसिक रूप से प्राताड़ित किया जाता है।कुछ स्कूलों में प्रार्थना के बाद जब भाषण होता है तो उस वक्त उससे लाइन से बाहर निकाल दिया जाता है।इन्ही वजहों से कई बच्चों ने आत्महत्या भी को है।
आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चे के परिजन स्कूल में वक्त से फीस नहीं भर पाते हैं तो बच्चे को रोज मानसिक यातना दी जाती है। हालात तो यह है की जब बच्चे की फीस नहीं जमा होती तो उसे परीक्षा तक नही देने दे जाती इन्ही वजहों से लाखों परिजनों ने अपने बच्चो का दाखिला सरकारी स्कूल में करा दिया है। हालांकि सरकार ने अभी तक इसपर कोई दखल नहीं दिया है।प्राइवेट स्कूल आज के दौर में काला बाजारी कर रहे हैं।
तमाम एनजीओ संगठन लगातार इसका विरोध करते आए हैं और कर भी रहे हैं लेकिन कोई समाधान अबतक नही हुआ है।