
दंगों का दर्द और नेताओं की साजिश को पेश करती एक फिल्म
फिल्म रिव्यू "2020 दिल्ली"
रेटिंग: तीन स्टार
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वीना टंडन
तारीफ करनी चाहिए इस फिल्म के मेकर्स की जिन्होंने बेहद साहस लगन और पूर्ण समर्पण के साथ एक ऐसे सब्जेक्ट पर फिल्म बनाई और अनेकों मुश्किलों का सामना पार करके सिनेमा के पर्दे तक लाए।
स्टोरी प्लॉट
इस फिल्म की कहानी एक दिन की सच्ची स्टोरी बयां करती है
कैसे शाहीनबाग से शुरू हुआ सी ए ए विरोध का आंदोलन ‘नमस्ते ट्रम्प’ तक पहुंच गया। पूरी फिल्म ’ 24 फरवरी 2020 के दिन की है, जब यू एस ए के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प दिल्ली में आए हुए थे और दूसरी तरफ पूरा शहर दंगों की आग में जल रहा था. अगर सरकारी आंकड़ों की भी माने तो इन दंगों में 53 बेगुनाहों की जान गई.
ओवर ऑल
इस फिल्म के माध्यम से निर्माता देवेंद्र मालवीय ने दिल्ली दंगों की कड़वी सच्चाई को देश के सामने लाने की अच्छी कोशिश की है, जो हाल के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है.
इस फिल्म की शूटिंग करना आसान टास्क नहीं था भयावह दंगों मारकाट और आगजनी के दृश्यों कोबिना रीटेक लिए सिंगल शॉट में शूट करना निर्देशक देवेंद्र का सच्चा कमिटमेंट है । इस फिल्म मे हमारे पड़ोसी देशों में हिंदू अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को भी उजागर किया गया है. यह फिल्म कुछ मुस्लिम देशों में जैसे पाकिस्तान में हिंदू बेटियों के रेप, हत्या, धर्मांतरण जैसे बेहद गंभीर मुद्दे को भी पूरी ईमानदारी के साथ पेश करती है । जहां आज भी अत्याचारों से त्रस्त हजारों हिन्दू भारत आने की आस में मर रहे असंख्य हिंदुओं के दर्द को फिल्म के एक किरदार सिक्योरिटी गार्ड के रूप में मंझे हुए स्टार बृजेंद्र काला ने पेश किया हैं। उनका किरदार आपकी आंखों को नम करता है।
फिल्म की ज्यादातर शूटिंग आउटडोर लोकेशन पर हुई है लेकिन ना जाने किन कारणों से निर्माता फिल्म को दिल्ली की उन लोकेशन जैसे सीलमपुर, जाफराबाद आदि पर क्यों शूट नहीं कर पाए जहां फिल्म की कहानी घूमती है। तालमेल से ही मनचाहा शॉट मिल पाता हैवन शॉट फिल्म के बैनर तले बनी
निर्माता,निर्देशक,लेखक
देवेंद्र मालवीय की तारीफ करनी होगी कि सीमित बजट और सीमित साधनों के बीच अपने दम पर इस फिल्म को जैसे तैसे पूरा किया तो बाद में लंबी कानूनी लड़ाई को झेलने के बाद फिल्म को सिनेमा के पर्दे तक लाने का सफर पूरा किया देवेंद्र का यह फिल्मी सफर उनके कमिटमेंट और साहस का प्रतीक है इसी का नतीजा है दिल्ली’ के एक बेहद गंभीर मुद्दे पर बनी यह फिल्म अपनी मंजिल पूरी करने के बाद रिलीज़ हो गई।
क्यों देखे।
अगर आप चालू मसाला मुंबईया फिल्मों की बजाय मुद्दों पर बनी ऐसी फिल्मों को देखना पसंद करते है जो एक ऐसे सच्चे कड़वे सच को दिखाती है जो हम सब को झकझोर देती है तो 2020 फिल्म जरूर देखिए।
कलाकार: समर जय सिंह, सिद्दार्थ भारद्वाज,आकाश अरोरा, भूपेश सिंह,चेतन शर्मा और बृजेंद्र काला, निर्माता, निर्देशक , देवेंद्र मालवीय ,





