बौड़हिया सिद्धपीठ पर कब्जे का कुचक्र रच रहे अराजकतत्वों ने बाबा कीनाराम को लेकर किया अनर्गल प्रलाप, अघोर समाज मर्माहत
स्टार न्यूज टेलिविज़न
गाजीपुर: प्राचीन काल से समाज में लाखों अनुयायियों की श्रद्धा का प्रतीक माने जाने वाले परमपूज्य अघोरेश्वर बाबा कीनाराम के वजूद पर ही सवाल खड़ा कर गाजीपुर के एक व्यापारी नेता ने अघोर समाज को शर्मसार करने का काम किया है। जिला मुख्यालय पर मौजूद बौड़हिया शक्तिपीठ के चढावें को सालो से हजम करने वाले स्थानीय अराजकतत्व मन्दिर परिसर को शादी विवाहों में बुक कर अपने परिवार का पेट पाल रहे है। यह मनमानी औघढ़ समाज कभी बर्दाश्त नही करेगा। यह आरोप सर्वेश्वरी समूह से जुड़े एक भक्त ने लगाया है और जिलाधिकारी सहित सूबे के मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है।
ज्ञात हो कि नगर के चीतनाथ इलाके में सैकड़ो साल पूर्व महर्षि विश्वामित्र का आश्रम हुआ करता था और इस आश्रम में महाराजा दशरथ के दोनो पुत्र राम और लक्ष्मण उस समय आये थे जब इस इलाके में राक्षसों का तांडव चल रहा था और दोनो भाईयों ने इसी मठ में रात्रि विश्राम भी किया था। सुबह पैदल ही जाकर गंगा के उस पार स्थित मौजूदा बक्सर के जंगलों में ताड़का का वध किया था। उसके बाद से ही इस धार्मिक पीठ का महत्व हिन्दू समाज के साथ-साथ अघोर समाज के लिये भी एक सम्मान की बात बन गयी। बाद में गंगापार ताड़ीघाट के रहने वाले एक मन्द बुद्धि बालक यहॅा पूजन करने आता था और बाबा कीनाराम का अनन्य भक्त हुआ करता था। दोनो लोग अवधूत भगवान श्रीराम के अनुयायी थे और कई किताबों में भी बाबा कीनाराम की इस तपस्थली व उनके परिवार की पूरी वंशावली का लेखा जोखा दर्ज है। इसीबीच चीतनाथ इलाके मे रहने वाले कुछ ऐसे लोग जो व्यापारी तो कहे जाते है लेकिन उनके पास कोई व्यापार नही है या है तो चलता नही है। इसके साथ-साथ कुछ अपराधिक तत्व भी एक योजना के तहत कमेटी का निर्माण करके इस पूरे परिसर पर कब्जा करने का कुचक्र रच दिये लेकिन मठ की बेहतरी के लिये संसाधन न होने से कमेटी निष्क्रिय बनी रही ।
सालो से फूल, अगरबत्ती, तेल व लकड़ी दे रहा सर्वेश्वरी समूह, कमेटी बनाकर अराजक तत्व खा रहे चढ़ावा का पैसा
दो दशको से कमेटी बनाकर बौड़हिया सिद्धपीठ में चढ़ने वाले चढ़ावे व सर्वेश्वरी समूह के लोगो की ओर से दी जाने वाली सहायता को अपनी कमाई का जरिया समझने लगे। मौजूदा समय में सर्वेश्वरी समूह के साथ-साथ पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी, पूर्वमंत्री विजय मिश्रा आदि ने अपने निधि से लाखो रूपया लगाकर इस प्राचीन मठ का नवीनीकरण करा दिया जबकि सर्वेश्वरी समूह के भक्तों ने तीस लाख रूपये से अधिक पैसा ग्रेनाइड और बेहतरीन पत्थरों पर खर्च करने के साथ-साथ बाबा की मूर्ति भी स्थापित कराया। इस बात का आरोप लगाने वाले अघोर भक्त व पूर्व प्रधान मन्टू राय ने बताया कि सुबह मन्दिर की साफ सफाई, दीप प्रज्वलन व पुष्प का सारा इंतजाम सर्वेश्वरी समूह की ओर से किया जाता है। साथ ही श्मशान घाट पर चिताओं के चलने के बाद अवशेष पड़ी लकड़ियों को इकटठा करने वाले व उसे ट्राली से मठ तक ले आने वाले व्यक्ति को भी सर्वेश्वरी समूह एक निश्चित मानदेय देती है। जबकि कमेटी बनाकर दानपात्र खाली करने वाले और परिसर को शादी विवाह के नाम पर वसूली कर परिवार चलाने वाले दस सालों में इस बात के लिये एक रूपया खर्च नही किये।
दस साल में चालीस लाख खर्च कर चुके है अघोरी भक्त, चढ़ावे के पैसे से फर्जी कमेटी का अध्यक्ष सिलाता है कुर्ता: संजीव सिंह
श्री राय ने बताया कि सर्वेश्वरी समूह की ओर से साल में एक बार वृहद भण्डारा व गरीबो के लिए निःशुल्क दवा वितरण जाड़े के दिन में कम्बल वितरण का भी कार्य किया जा रहा है। समूह की ओर से खरीदकर मठ में भेजा गया लाखों रूपये का कीमती पत्थर आज भी परिसर में मौजूद है। बाबा का चढ़ावा खाने वाले फर्जी कमेटी बनाकर औघढ़ परम्परा को चुनौती देेने वाले उस पत्थर को स्थापित भी नही करा पा रहे है। सारे मामले की जानकारी मौजूदा जिलाधिकारी के साथ-साथ सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ को भेजी गयी है और उम्मीद जताई गयी है कि फर्जी कमेटी बनाकर अघोर मठ के चढ़ावे को खाने वाले अराजकतत्वों पर कड़ी कार्यवाही हो सके। इस मामले में अघोर भक्त संजीव सिंह ने बताया कि 01 अप्रैल को मठ पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित कमेटी के अध्यक्ष अशोक अग्रहरी ने आरोप लगाया है कि बाबा कीनाराम का इस मठ से कोई लेना देना नही है। जबकि हालत यह है कि मठ के करोड़ों के जमीन पर कब्जा करने के लिए वर्षो से गुपचुप फर्जी कमेटी चलाने वाले लोगो ने अपनी कमेटी में एक भी अघोर भक्त नही रखा है। सभी तड़ीपार हो चुके व्यापारी है।
फर्जी कमेटी ने किया नाम बदलने का कुचक्र पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल की तत्परता से नही मिला खुराफात का मौका
अघोर भक्तों ने आरोप लगाया है कि जब किसी मीडिया के संस्थान में फर्जी कमेटी का साथ नही दिया तो मुहल्ले के एक युवक के सहयोग से अशोक अग्रहरी का आरोप वाला वीडियो यू टयूब पर डाउनलोड करा दिया गया और शहर के साथ-साथ जिले भर में भ्रम फैलाया जा रहा है कि बौड़हिया शक्तिपीठ से बाबा कीनाराम व सर्वेश्वरी समूह वाराणसी का कोई लेना देना नही है। जबकि सबसे बड़ी बेशर्मी यह है कि कमेटी के अराजकों ने नगर पालिका के रिकार्ड मंे भी कमेटी का नाम बदलने का कुचक्र किया लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल की सक्रियता से उनका कुचक्र सफल नही हो पाया। अब इस कमेटी की जांच और कार्यो के साथ-साथ चढ़ावे में की गयी बन्दरबांट की जांच जरूरी है। इसीलिए सारे मामले की जानकारी जिलाधिकारी के साथ-साथ सूबे की मुखिया योगी आदित्यनाथ को भेजी गयी है। ताकि अराजकतत्वों पर कार्यवाही करने के साथ साथ मठ की पूरी सम्पति को ही सरकार की सम्पत्ति घोषित करने की प्रक्रिया पूरी की जाय।
बुलबुल पाण्डेय की रिपोर्ट