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विवेक आनंद ओबेरॉय बॉक्स ऑफिस की उड़ान से आई पी ओ तक की कामयाबी का सफर
न्यू दिल्ली। यू ए ई बेस नई कंपनी बी एन डब्ल्यू के लाजपत नगर नई दिल्ली ऑफिस की ओपनिंग के मौके पर कंपनी के एमडी विवेक आनंद ओबेरॉय ने यहां मीडिया से अपने मुंबई फिल्म नगरी से दुबई तक के कामयाब सफर पर खुलकर बातचीत की। उत्तर भारत में पहले बी एन डब्ल्यू के पहले भव्य ऑफिस की शुरुआत पर आए विवेक ने सबसे पहले यहां बने मंदिर में पूजा अर्चना की। इस मौके पर विवेक ने अपने बिजनेस पार्टनर अंकुर अग्रवाल को मिस करते हुए कहा मैं अंकुर को मिस कर रहा हु जो जरूरी बिजनेस मीटिंग्स की वजह से यहां आ नहीं पाए। विवेक से जब हमने आई बी ओ यानी इंडियन बॉक्स ऑफ़िस से आई पी ओ , रीयल एस्टेट तक के सफर के बारे में पूछा तो उनका जवाब था मैने अपने माता पिता से बचपन से यही सीखा कि जो भी करो, पूरी ईमानदारी, मेहनत लगन और उसमें समर्पित होकर करो, मैं और मेरा परिवार आध्यात्मिक है हम सब प्रभु का हमेशा शुकराना करते है कि प्रभु ने हमे इतना कुछ दिया, मेरे हर दिन की शुरुआत घर में बने मंदिर से होती है हम सब पूजा अर्चना करने के बाद ही रूटीन कार्य शुरू करते है, विवेक कहते है आज यूएई में मेरा करीब 400 लोगों का परिवार है , मैं अपने बिजनेस के साथ जुड़े हर स्टाफ सदस्य को अपने परिवार का सदस्य मानता हूं, इन्हीं सब की कड़ी मेहनत का ही रिजल्ट है आज सेबी में हमारी 9 कम्पनियां रजिस्टर है और अगले दो तीन महीने में हम चार और कंपनियां रजिस्टर करा रहे है, आज दुबई में हमारे करीब 20 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट है सभी लग्जरी स्टाइल है, आज हमारी कंपनियों की नेट वर्थ वैल्यू 1200 हजार करोड़ से ज्यादा है, देश विदेश के निवेशकों को हमारे हर प्रोजेक्ट में इतना ज्यादा भरोसा है कि हमारे अधिकतर प्रोजेक्ट कंप्लीट होने से पहले ही बिक जाते है।
विवेक कहते है मेरे फिल्मी करियर में ऐसा दौर भी आया जब मेरी आंखों में आंसू आ जाते तब मेरी मम्मी कहती अपने आंसुओं को पोछने के साथ साथ दूसरों के भी आंसू पोछना शुरू कर दो तुम्हारे आंसू अपने आप थम जायेंगे, मै इतना ही जानता हु कि किसी का विश्वास कभी मत तोड़ो जिन्होंने तुम पर भरोसा किया है मैं अपनी हर कंपनी के निवेशकों और कस्टमर्स का भरोसा कभी टूटने नहीं दूंगा।
बी एन डब्ल्यू लाजपत नगर दिल्ली ऑफिस में आए निवेशकों, मीडियापर्सन और मेहमानों से बातचीत करते विवेक आनंद ओबेरॉय कहते है अब दुबई और मुंबई दोनों ही मेरा घर है, दुबई में इतना ज्यादा प्यार मिला कि उसे बयां करने के लिए शब्द ही नहीं, मुंबई ने मुझे सबसे पहले पैसा और शोहरत दिया, मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं मुझे फिल्मों और बिजनेस में अपना मुकाम बनाने के किए बहुत ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ा, मेरा मानना है कि अगर आप सब कुछ प्रभु पर छोड़ देते है तो प्रभु भी आपकी उंगली थामकर आपको मंजिल तक ले जाता है, मेरे साथ ऐसा ही हो रहा है, ।
मेरी नजर में आज इस कंपनी के एमडी विवेक आनंद ओबेरॉय यकीनन एक समझदार व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान बना चुके है , विदेशों के टॉप निवेशक उनकी कंपनियों में निवेश करते है ,वह दुबई कई तो टॉप ब्रांडों के साथ साझेदारी कर रहे हैं विवेक कई फिनटेक कंपनियों के मालिक हैं। विवेक समाज के प्रति विवेक अपनी जिम्मेदारी समझते है एक एनजीओ को चलाने में विवेक की भागीदारी है।
एक सवाल के जवाब में विवेक ने कहा ज्यादा पैसा कमाना एक कभी खत्म न होने वाला एक जुनून है एक के आगे चाहे जितनी भी जीरो जोड़ते जाए लेकिन यह भी याद रखिए कि ऐसा न हो कि इन जीरो का जोड़ते जोड़ते कही आप भी जीरो न हो जाए।