अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जयंती के अवसर पर दिया जाएगा अटल गौरव सम्मान ।
सुषमा रानी
ग्रेस इंडिया एजुकेशनल चेरिटेबल न्यास (रजि.) की ओर से शिक्षा, साहित्य, फ़िल्म, पत्रकारिता, समाजसेवा, अभिनय व शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100 जयंती के अवसर पर ग्रेस इंडिया सम्मान समारोह -2024 के अंतर्गत ” अटल गौरव सम्मान ” प्रदान किए जाएंगे। न्यास ने इस साल के ग्रेस इंडिया अवॉर्ड्स के अंतर्गत अटल गौरव सम्मान -2024 की घोषणा की है। न्यास ने इस बार का यह सम्मान दिल्ली विश्वविद्यालय के अरबिंदो कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हंसराज सुमन को दिए जाने की घोषणा की है। यह सम्मान वाईएमसीए नई दिल्ली में 21 दिसम्बर को दिया जाएगा। प्रति वर्ष यह सम्मान पत्रकारिता व शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में डॉ.सुमन एक महत्त्वपूर्ण नाम है। इन्होंने हंसराज कॉलेज से स्नातक व स्नातकोत्तर, दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएड, एम.ए. मास कॉमनीकेशन (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) एम. फिल. व पीएच-डी, हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय से करने के उपरांत पत्रकारिता व अध्यापन कार्य को अपना करियर बनाया।
डॉ. हंसराज सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज में हिंदी साहित्य तथा पत्रकारिता के एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। आप शिक्षक संगठन फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के नेशनल चेयरमैन हैं। पाँच वर्ष तक नॉन कॉलेजिएट सेंटर(दिल्ली विश्वविद्यालय) के प्रभारी रहे हैं। वर्ष — 2015-2017 और 2017-2019 तक दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल में सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा ये दिल्ली विश्वविद्यालय की अनेक कमेटियों में रहकर डॉ. सुमन ने अपने दायित्व का निर्वाह किया है। एडमिशन कमेटी, अपॉइंटमेंट्स और प्रमोशन कमेटी, मेडिकल कमेटी, फंक्शन कमेटी, सलेब्स कमेटी के अलावा डॉ. सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय की टास्क फोर्स कमेटी के सदस्य रहे हैं। इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान व अन्य अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सुमन को दिल्ली सरकार का डॉक्टर अम्बेडकर अवार्ड, डॉ. राधा कृष्णन अवार्ड, योगेश गुप्त साहित्य रत्न अवार्ड, संत रविदास सम्मान के अलावा लगभग 100 संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा इन्होंने 10 पुस्तकों का सम्पादन किया है तथा विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इनके 100 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके है। साथ ही इन्होंने न्यू मीडिया विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय से ” हिन्दी पत्रकारिता पर प्रौद्योगिकीय परिवर्तन का प्रभाव ” विषय पर पीएच-डी की है। यह पुस्तकाकार रूप में जल्द ही प्रकाशित होकर जनवरी 2025 में आ रही है।
उन्होंने अटल गौरव सम्मान मिलने की घोषणा पर अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने पत्रकारिता, लेखक, कवि व साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके नाम से यह सम्मान मिलना मेरे लिए गौरव का विषय है। मैंने पत्रकारिता व शिक्षा को अपने जीवन में अपनाया है जिसके कारण ही पहचान मिली है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यवहार में सार्थक परिवर्तन ला सकती है। शिक्षण के क्षेत्र में मेरी विशिष्ट रुचि रही है। वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रोजगारपरक बनाने की जरूरत है। भारत में बढ़ती बेरोजगारी को इसी नीति से दूर किया जा सकता है।