ईडी का असल चेहरा बेनकाब, सीएम के पीएस के घर 16 घंटे रेड की, पर ये नहीं बताया किस केस में की- आतिशी
सुषमा रानी
नई दिल्ली, 07 फरवरीमुख्यमंत्री के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर मंगलवार को हुई ईडी की छापेमारी पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने बताया कि भाजपा की ईडी का असल चेहरा अब देश के सामने बेनकाब हो गया है। ईडी ने मंगलवार को सीएम के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर 16-16 घंटे छापेमारी की, लेकिन अंत तक यह नहीं बताया कि वो किस केस में छापेमारी की है।
‘‘आप’’ नेता आतिशी ने कहा कि नियमतः ईडी जब भी छापा मारने आती है, तो कुछ सर्च और सीजर होते हैं। सर्च और सीजर के डॉक्यूमेंट पर यह स्पष्ट लिखा होता है कि कौन सा केस है या फिर ईसीआईआर (ईडी की भाषा में एफआईआर) नंबर क्या है? आतिशी ने मीडिया को ईडी का पंचनामा दिखाते हुए कहा कि संभवतः ईडी के इतिहास का यह ऐतिहासिक पंचनामा है, क्योंकि इस पंचनामे में कहीं भी नहीं लिखा है कि वो किस केस की जांच करने आए हैं। इसमें न ईसीआईआर नंबर दर्ज है और न तो उसकी कोई डिटेल ही है। मंगलवार की छापेमारी में ईडी यह भी बताने को तैयार नहीं है कि वो छापा किस मामले में मारने आई थी। 16 घंटे की छापेमारी में ईडी के अफसर मुख्यमंत्री के पीएस के ड्राइंग रूम में बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने न कोई कागज देखे, न कोई सर्च और सीजर किया और न कोई पैसे, सोने के बिस्कुट, प्रॉपर्टी के कागजात या शेल कंपनी के कागज लेकर गए। ईडी ने मुख्यमंत्री के पीएस के दो जीमेल एकाउंट डाटा डाउनलोड किए और 3 मोबाइल फोन लेकर गए। लेकिन पूरी दुनिया और मीडिया में यह तमाशा चलता रहा कि सीएम के पीएस और पार्टी के राज्यसभा सांसद के घर पर ईडी की छापेमारी चल रही है।
‘‘आप’’ नेता आतिशी ने कहा कि पहले तय होता है कि किसको जेल में डालना है और उसके बाद तय होता है कि किस केस के तहत जेल में डालना है, लेकिन अब आलम यह है कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने ईडी के केस, जांच, समन के दिखावे को भी खत्म कर दिया है। अब बिल्कुल साफ हो गया है कि यह कोई जांच नहीं है, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खत्म करने की एक साजिश है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईडी की छापेमारी मीडिया में माहौल बनाकर सीएम अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए की गई थी।