आगरा से बड़ी खबर ताजमहल के उर्स पर रोक लगाने के संबंध में एएसआई विभाग को दिया ज्ञापन–
स्टार न्यूज़ टेलीविजन आगरा,
ताजमहल पर 6 फरवरी से शुरू हो रहे उर्स पर रोक लगाने के लिए आखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सोमवार को एएसआई को ज्ञापन दिया। मांग है कि उर्स किसी की भी अनुमति से आयोजित नहीं होता। कोर्ट में भी याचिका लगी है। नोटिस जारी किया गया है। साथ ही जनपद में धारा 144 लागू कर दी गई है। ऐसे में उर्स पर रोक लगाई जाए। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवक्ता संजय जाट ने कहा कि राजकिशोर राज के द्वारा असी में आरटीआई लगाई गई थी जानकारी मांगी थी कि ताजमहल के अंदर होने वाले इसकी अनुमति मुगल शासन काल ब्रिटिश शासन काल या भारत सरकार अथवा किसके आदेश से होता है। इसके जवाब में एएसआई ने बताया कि उसके लिए किसी की भी अनुमति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी केवल शुक्रवार को ताजमहल क्षेत्र के निवासियों को नमाज की अनुमति दी थी। उर्स कव्वाली चादरपोशी या किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है।
*कोर्ट में विचार धीन है मामला, चादरपोशी के लिए तैयार हो रही चादर–*
6 फरवरी से 3 दिन के लिए होने वाले उर्स पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने आयोजन समिति को नोटिस भी जारी किया है। साथ ही साथ जनपद में 2 फरवरी से धारा 144 भी लागू कर दी गई है। जिसके अनुसार जनपद के अंदर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर चार लोगों से जाएगा एकत्रितकरण करके किसी भी कार्यक्रम पर रोक लगाई गई है। ऐसी स्थिति में उर्स नहीं हो सकता। शाहजहां आयोजन समिति चादरपोशी के लिए 1530 मीटर की चादर तैयार कर रही है। आम लोगों को शाहजहां और मुमताज की क़ब्रों पर जाने की इजाजत पूरे साल नहीं दी जाती। लेकिन उर्स के अवसर पर शाहजहां और मुमताज की कब्र के तहखानों को सभी के लिए खोल दिया जाता है। तीन दिन के लिए ताजमहल में एंट्री फ्री रहती है। पर्यटकों को असली क़ब्रों को देखने का मौका मिलता है। तीन दिन में घुस्ल अनुष्ठान के बाद फतिया मिलाद अन नबी और मुशायरा का आयोजन किया जाता है।
आगरा से पत्रकार अमीन अहमद की रिपोर्ट