पैरोल से फरार कुख्यात ड्रग तस्कर तेलंगाना से गिरफ्तार
सुषमा रानी
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा द्वारा तेलंगाना से कुख्यात ड्रग तस्कर गिरफ्तार
गैर जमानती वारंट जारी । वर्ष 2014 से बलात्कार मामले में जेल में बंद, बाद में पैरोल से फरार। दिल्ली अपराध विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव के अनुसार माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ड्रग्स के खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस को अंतरराज्यीय व अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के मार्गदर्शन में दिल्ली पुलिस द्वारा इस नीति को ईमानदारी से लागू किया जा रहा है।
हाल ही में, एएनटीएफ/अपराध शाखा ने कुख्यात अपराधी सह ड्रग तस्कर शमशेर सिंह @ शेरी को सिकंदराबाद, तेलंगाना से गिरफ्तार किया है | वह अपने भाई महेंद्र पाल @ एमएच की गिरफ़्तारी के बाद ड्रग तस्करी का संचालन कर रहा था। उसके खिलाफ उद्घोषित अपराधी घोषित करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई थी ।
टीम द्वारा आरोपी शम्मी के कब्जे से 500 ग्राम हेरोइन और ₹ 22 लाख नकद बरामद किए गए हैं। बाद में, आरोपी व्यक्ति की निशानदेही पर 6 किलोग्राम डीआरएम पाउडर (ड्रग्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रसायन) + 4.5 किलोग्राम संदिग्ध हेरोइन (बाद में एफएसएल से हेरोइन के लिए सकारात्मक पाया गया) भी बरामद किया गया। जांच के दौरान, आरोपी उसके भाई का नाम पंकज @ संजू बाबा के सह-सहयोगियों के रूप में सामने आया। दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापे मारे गए, दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। आरोपी महेंद्र पाल @ एमएच को फिरोजपुर, पंजाब से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 1820 ग्राम हेरोइन और ₹ 19.30 लाख नकद बरामद किए गए थे। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि पंकज @ संजू बाबा की गिरफ्तारी के बाद, उसने और उसके भाई ने सीधे पाकिस्तान से ड्रग्स की आपूर्ति प्राप्त करना शुरू कर दिया।
आरोपी शमशेर सिंह @ शेरी, उम्र 32 साल का जन्म गांव फत्तूवाला, कांगड़ा जिला फिरोजपुर, पंजाब में हुआ था। पहले, उसने गांव के क्षेत्र में एक मजदूर के रूप में काम किया व चुनाव के समय प्रचार-प्रसार में भी संलग्न था, क्योंकि उनके पिता तीन बार सरपंच के रूप में चुने गए थे। जेल की अवधि के दौरान, वह ड्रग माफियों के संपर्क में आया और इस अवैध कारोबार में संलिप्त हो गया। अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए वह तेलंगाना के सिकंदराबाद में कपड़ों की दुकान चला रहा था।