सुषमा रानी
नई दिल्ली,23 जून।भाजपा दिल्ली के लोगों से बदला ले रही है| दिल्ली की जनता ने 3 बार भाजपा को नकारते हुए अरविन्द केजरीवाल जी को अपना मुख्यमंत्री चुना, इसका बदला लेते हुए भाजपा दिल्ली के लोगों को 24 घंटे और फ्री बिजली रोकना चाहती है| असंवैधानिक और गैर-क़ानूनी रूप से डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति इसकी शुरुआत है| इस बाबत प्रेस-कांफ्रेंस में साझा करते हुए बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि, भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा डीईआरसी चेयरमैन के रूप में जस्टिस(रिटायर्ड) उमेश कुमार की नियुक्ति पूरी तरह असंवैधानिक और गैरकानूनी है| उन्होंने कहा कि संविधान में बिजली एक हस्तांतरित विषय है और केंद्र सरकार बिजली से संबंधित सभी मामलों में दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सिफारिशों पर काम करने के लिए बाध्य है| लेकिन 21 जून की सुबह जब केजरीवाल सरकार ने जस्टिस संगीत लोढ़ा को डीईआरसी चेयरमैन नियुक्त करने की सिफारिश भेजी तो भाजपा शासित केंद्र सरकार ने षड्यंत्र रचते हुए चुनी हुई सरकार के फैसले को पलट दिया| उन्होंने कहा कि, दिल्ली की जनता ने 3 बार अरविंद केजरीवाल जी को अपना मुख्यमंत्री चुना इसका बदला लेने के लिए बीजेपी दिल्ली के लोगों को मिल रही 24×7 फ्री बिजली बंद करने की साजिश रच रही है| दिल्ली के लोगों को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी पूरे भारत में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवाते है,इसके उलट भाजपा शासित राज्यों में बिजली दरें सबसे अधिक है| इसलिए बदला लेने के लिए भाजपा ये सब कर रही है| गैर-संवैधानिक तरीके से डीईआरसी चेयरपर्सन की नियुक्ति दिल्ली के लोगों को परेशान करने की भाजपा की साजिश है और इस असंवैधानिक नियुक्ति के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे| उन्होंने कहा कि, दिल्ली के लोगों को फ्री बिजली देना, 24 घंटे बिजली देना केजरीवाल जी की गारंटी है| इस गारंटी को पूरा करने के लिए हम भाजपा की हर साजिशों से जमकर मुकाबला करेंगे|
बिजली मंत्री ने साझा करते हुए कहा कि, भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार ने दिल्ली में एक बार फिर लोकतंत्र की हत्या की है| कल रात के अँधेरे में भाजपा शासित केंद्र ने राजपत्र निकालते हुए दिल्ली की चुनी हुई सरकार के सिफारिश के खिलाफ जाते हुए दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन की नियुक्ति की| उन्होंने कहा कि डीईआरसी के चेयरमैन की ये नियुक्ति न केवल गैरकानूनी और गैर-संवैधानिक है बल्कि दिल्ली के लोगों के खिलाफ किया हुआ एक फैसला है|
बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि, दिल्ली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि, दिल्ली में लैंड,लॉ एंड आर्डर ,और पुलिस के मुद्दों को छोड़कर जो बाकी सभी मुद्दे ट्रांसफ़र सब्जेक्ट में आते है और उनपर केंद्र सरकार को और केंद्र सरकार के नुमाइंदों को दिल्ली की चुनी हुई सरकार के फैसलों को मानना पड़ेगा|
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने आप को कानून और संविधान से परे मानती है| कल सुबह 21 जून को दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन के लिए जस्टिस संदीप लोधा(रिटायर्ड जस्टिस, राजस्थान हाई कोर्ट) के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार के नुमाइंदे उपराज्यपाल को भेजी गई| लेकिन दिल्ली की लोकतान्त्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के फैसले को न मानते हुए उसे दरकिनार करते हुए कल रात जस्टिस उमेश कुमार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित केंद्र सरकार ने गैरकानूनी और गैर-संवैधानिक तरीके से डीईआरसी का चेयरमैन नियुक्त किया|
बिजली मंत्री ने आगे कहा कि, ये फैसला गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक तो है ही साथ ही ये फैसला दिल्ली वालों को परेशान करने के लिए लिया गया है| क्योंकि दिल्ली के लोग हर बार चुनाव में भारी बहुमत से अरविन्द केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुनते है| इसे भारतीय जनता पार्टी दिल्ली वालों की गलती मानती है और इसी कारण वो दिल्ली के लोगों से बदला ले रहे है| उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली मिले, फ्री बिजली मिले| भाजपा वाले चाहते है कि दिल्ली भी नोएडा,गाजियाबाद,गुरुग्राम की तरह हो जाए जहाँ घंटों बिजली जाती है| क्योंकि यहाँ की सरकारें लोगों को 24 घंटे बिजली नहीं दे पाती|
उन्होंने कहा कि,भाजपा को लगता है कि, दिल्ली वालों ने अरविंद केजरीवाल जी को मुख्यमंत्री बना कर गलती कर दी| क्योंकि केजरीवाल जी तो गर्मियों में भी दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली देते है| उन्होंने कहा कि, भाजपा वालों के अनुसार दिल्ली के लोगों की दूसरी गलती है कि, उन्होंने जिस अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया वो देश में सबसे सस्ती बिजली देता है |
बिजली मंत्री ने साझा किया कि, अगर हम देश भर के पॉवर टैरिफ की तुलना करे तो दिल्ली में बिजली की कीमत सबसे कम है | उन्होंने कहा कि, दिल्ली में बिना सब्सिडी एक सामन्य परिवार को 4.50 रूपये प्रति यूनिट बिजली मिलती है | वही भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों की बात करे तो असम में आम परिवार 300 यूनिट बिजली लेने वाले परिवारों को प्रति यूनिट 8.20 रूपये बिजली मिलती है , उत्तरप्रदेश में 6.50 रूपये प्रति यूनिट मिलती है , मध्य प्रदेश में 6.70 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिलती है | और महाराष्ट्र में 10 रूपये प्रति यूनिट बिजली मिलती है|
उन्होंने कहा कि,दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल जी लोगों को देश मेंव सबसे सस्ती बिजली देते है| हम जैसे लोग जो बचपन से दिल्ली में रहते है उन्हें पता है कि अरविंद केजरीवाल जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली को सबसे सस्ती बिजली मिलनी शुरू हुई है| 2014 से पहले हम सब जानते थे की दिल्ली में हर साल, साल में 2-2 बार बेतहासा बिजली के दामो में वृद्धि होती थी | 2014 से पहले की बात है कि जब बिजली के बिल बढ़ के आते थे तो एक सामान्य परिवार को बिजली बिल देने के लिए अन्य जरूरत की चीजों में कटौती करनी होती थी| लेकिन जब से अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने है तब से दिल्ली में बिजली के दाम नहीं बढ़े|
बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि, भाजपा के अनुसार दिल्ली वालों की एक गलती ये भी है कि उन्होंने ऐसे मुख्यमंत्री को चुन कर भेजा है जो न सिर्फ सस्ती बिजली देता है, 24 घंटे बिजली देता है बल्कि दिल्ली में 41 लाख परिवारों को फ्री बिजली भी देता है | इसलिए दिल्ली के 41 लाख परिवारों को मिलने वाली फ्री बिजली को रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित केंद्र सरकार ये गैर-संविधानिक नियुक्ति कर रही है|
भाजपा शासित केंद्र सरकार ये सब इसलिए कर रही है क्योंकि वो दिल्ली के 41 लाख लोगों को मिलने वाली फ्री बिजली रोकना चाहती है | भाजपा नहीं चाहती कि दिल्ली वालों को देश की सबसे सस्ती बिजली मिले | वो चाहती है कि जैसे बीजेपी शासित राज्यों में लोगों को महंगी बिजली मिल रही है, ऐसे ही दिल्ली के लोगों को भी मंहगी बिजली मिले |
बिजली मंत्री ने कहा कि रात के अंधेरे में लाया गया ये राजपत्र दिल्ली के बिजली सेक्टर को ध्वस्त करने के लिए लाया गया है, दिल्ली में फ्री बिजली बंद हो जाये इसलिए लाया गया है, लोगों को मंहंगी बिजली मिले इसलिए लाया गया है , दिल्ली के लोगो को नॉएडा ,गुरुग्राम और गाज़ियाबाद की तरह लंबे लंबे पॉवर कट मिले इसलिए लाया गया है| लेकिन मैं सभी दिल्ली वालों को अरविंद केजरीवाल जी की ओर से आश्वासन देना चाहती हूं कि जिस तरह पिछले 8 साल से केंद्र सरकार व बीजेपी के खिलाफ संघर्ष कर के हमने दिल्ली वालों के काम करवाए है उसी तरह से गैरक़ानूनी राजपत्र और डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति खिलाफ लड़ेंगे और संघर्ष करेंगे | उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम इस गैर क़ानूनी तरीके से कि गई नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जायेंगे | और हमे पूरा भरोसा है की सुप्रीम कोर्ट इस गैर संवैधानिक कदम को जरुर रोकेगा|