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अंतरराष्ट्रीय गैंग पर शिकंजा: भानु राणा और वेंकटेश गर्ग की गिरफ्तारी से संगठित अपराध को बड़ा झटका

वीना टंडन
नई दिल्ली। भारत की जांच एजेंसियों को संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। हत्या, लूट, फिरौती और संगठित अपराध जैसे गंभीर मामलों में वांछित दो अपराधियों — भानु राणा और वेंकटेश गर्ग — को अमेरिका और जॉर्जिया में गिरफ्तार किया गया है। दोनों के खिलाफ पहले से ही इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, भानु राणा लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और वह लंबे समय से विदेश से गैंग के संचालन में अहम भूमिका निभा रहा था। माना जा रहा है कि उसने भारत में कई फिरौती और रंगदारी के मामलों में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में काम किया। अमेरिका की एजेंसियों के सहयोग से उसे हिरासत में लिया गया है और जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा।

वहीं, वेंकटेश गर्ग को जॉर्जिया में स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि वह कई राज्यों में वांछित था और नकली दस्तावेजों के सहारे विदेश में छिपा हुआ था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये दोनों अपराधी एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो भारत में संगठित अपराधों को विदेश से संचालित करते थे।

एनआईए (NIA) और इंटरपोल इस पूरे मामले में मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। भारत सरकार ने दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्रवाई भारत के लिए संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता है। इससे न केवल लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि विदेश में सक्रिय आपराधिक नेटवर्क पर भी कड़ा संदेश जाएगा।

> जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, “भानु राणा और वेंकटेश गर्ग की गिरफ्तारी से अंतरराष्ट्रीय अपराध तंत्र को करारा झटका लगा है। यह कार्रवाई भारत की एजेंसियों के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय सहयोग का नतीजा है।”

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