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दो दिवसीय नेशनल वुमेन एनजीओ कॉन्क्लेव “लीडहरशिप 2025” महिलाओं के नेतृत्व में सतत विकास और पारस्परिक सहयोग के संकल्प के साथ सम्पन्न

आर्थिक आत्मनिर्भरता के बिना शैक्षणिक आत्मनिर्भरता संभव नहीं / टी. आरिफ अली

नई दिल्ली (प्रेस विज्ञप्ति):
जामिया हमदर्द और वुमेन एजुकेशन एंड एम्पावरमेंट ट्रस्ट (TWEET) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय नेशनल वुमेन एनजीओ कॉन्क्लेव — “लीडहरशिप 2025: नेविगेटिंग चेंज, ड्राइविंग इम्पैक्ट” महिलाओं के नेतृत्व में सतत विकास और आपसी सहयोग के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ। इस कॉन्क्लेव में देशभर से महिलाओं द्वारा संचालित 40 एनजीओ की लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
समापन सत्र में डॉ. सदफ सिराज, एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, जामिया हमदर्द ने सभी सत्रों का सार प्रस्तुत किया।

टी. आरिफ अली, चेयरमैन, विज़न 2026 ने अपने संबोधन में कहा कि “आर्थिक आत्मनिर्भरता के बिना शैक्षणिक आत्मनिर्भरता संभव नहीं।” उन्होंने कहा कि जब सरकारें सामाजिक जिम्मेदारियों से पीछे हटती हैं, तब एनजीओ को आगे आकर सामाजिक खालीपन को भरना चाहिए।
अभि रानी, चेयरपर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, नेशनल माइनॉरिटीज डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉरपोरेशन ने महिलाओं की संस्थाओं के बीच सहयोग और नेटवर्किंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनजीओ को सरकारी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि उनके लाभ जमीनी स्तर तक पहुँच सकें।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. डॉ. एम. अफशार आलम, वाइस चांसलर, जामिया हमदर्द ने कहा कि “लीडहरशिप 2025 महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
कॉन्क्लेव के दौरान छह तकनीकी सत्र आयोजित हुए जिनमें विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा हुई।
प्रो. अरविंद अंसारी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सरकारी योजनाओं और जन आवश्यकताओं के बीच सेतु बनाने में जमीनी संगठनों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
फराह शिरोज, संस्थापक एवं सीईओ, नर्चर लाइफ (उत्तर प्रदेश) ने एनजीओ को दरपेश वित्तीय और प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करते हुए टिकाऊ वित्तीय मॉडलों की आवश्यकता पर बल दिया।
अन्य वक्ताओं में एडवोकेट फरीथा जे. विंग्स, केरल, डॉ. हबीबुर्रहमान वी.एम. मॉडल विलेज ट्रस्ट, दिल्ली, कृति अग्रवाल सेवा भारत, अहमदाबाद, एडवोकेट हुम्मा बेगम सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर, दिल्ली और युवा वक्ता आसिया समीरा (गर्ल अप इंडिया) शामिल थीं। इन सभी ने महिलाओं से जुड़े कानूनी, सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर अपने विचार रखे।
“एनजीओ के लिए फंड रेज़िंग” विषय पर आयोजित सत्र में रॉबिन थॉमस एचसीएल फाउंडेशन और साजिद एम. विज़न 2026 ने टिकाऊ फंड रेज़िंग, कॉरपोरेट साझेदारी और क्राउड फंडिंग की रणनीतियों पर चर्चा की।
प्रो. अफशार आलम ने कानूनी अनुपालन, पारदर्शिता और सीएसआर अवसरों के महत्व पर बल दिया।
“कानूनी रूप से मजबूत एनजीओ का निर्माण: कंप्लायंस, गवर्नेंस और ट्रांसपेरेंसी” सत्र में एडवोकेट सरवर रज़ा, सीए गुलज़ार, कृष्मा मलिक, डॉ. सखी जान और पी.के. नौफल सीईओ, ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि पारदर्शिता, सहयोग और सुशासन ही एनजीओ की विश्वसनीयता और स्थायित्व की नींव हैं।
कॉन्क्लेव का समापन महिलाओं के नेतृत्व में सामाजिक सेवा, सतत विकास और आपसी सहयोग के एक नए संकल्प के साथ हुआ।
द्वारा जारी – मीडिया विभाग, विज़न 2026, नई दिल्ली

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