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दिल्ली में भाजपा की सरकार बने 20 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक जनता के लिए काम करने का एक भी एजेंडा सामने नहीं आया- गोपाल राय
मुख्य संवाददाता /सुषमा रानी
नई दिल्ली, 28 फरवरी आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव में अच्छा काम करने वाले अपने पदाधिकारियों को ही संगठन में जिम्मेदारी देगी। शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में पूर्व मंत्री व दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों और चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों के साथ हुई बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। इसके मद्देनजर सबसे पहले हमने प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद सभी विधानसभा के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। जबकि तीसरे चरण में हमने पार्टी के सभी फ्रंटल विंग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
गोपाल राय ने बताया कि शुक्रवार को हमने विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि हर विधानसभा को लेकर हमने विस्तृत चर्चा की है। चुनाव में किसकी क्या भूमिका रही, इस पर चर्चा हुई। जिन लोगों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है, उन्हें संगठन के पुनर्गठन में जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, इस पर निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर कैग रिपोर्ट को लेकर भाजपा के बयानों पर गोपाल राय ने कहा कि ये लोग चुनाव से पहले भी यही बातें कर रहे थे और जब चुनाव जीतकर सरकार बना ली, तब भी यही बातें कर रहे हैं। लोगों ने इन्हें बात करने के लिए सदन में नहीं भेजा है, जनता ने इन्हें काम करने के लिए चुना है। आज बीस दिन हो गए, लेकिन भाजपा ने अब तक दिल्ली की जनता के लिए क्या काम किया है, इसका कोई एजेंडा सामने नहीं आया। भाजपा ने वादा किया था कि पहली कैबिनेट की बैठक में महिलाओं को 2500 रुपये देने का प्रस्ताव पास किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सदन में पहली बैठक हुई, लेकिन उसमें भी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
गोपाल राय ने कहा कि जहां तक कैग रिपोर्ट की बात है, ये लोग एक साथ सारी रिपोर्ट सदन में क्यों नहीं रखते? ये लोग जानबूझकर एक-एक करके रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं, क्योंकि इन्हें तमाशा करना है, काम नहीं करना है। इन्हें चर्चा भी एकतरफा करनी है, और चाहते हैं कि सदन में विपक्ष का कोई नेता मौजूद न हो। पहले हमारे विधायकों को एक दिन के लिए सदन से बाहर किया, फिर दो दिन सदन बढ़ाया और हमारे विधायकों को फिर बाहर कर दिया। तीसरे दिन हमारी एंट्री बैन कर दी। यह साफ दिख रहा है कि भाजपा गालियां देकर ही सरकार चलाना चाहती है, लेकिन लोगों ने उन्हें काम करने की जिम्मेदारी दी है, इसलिए उन्हें काम पर ध्यान देना चाहिए।
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में विधानसभा स्पीकर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। सदन में उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए, लेकिन कोई सस्पेंड नहीं हुआ। वहीं, जब विपक्ष के आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जय भीम के नारे लगाए तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। एक सदन में दो नियम नहीं हो सकते। विधानसभा अध्यक्ष भाजपा के दबाव में तानाशाही पूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं।
कानून व्यवस्था के सवाल पर गोपाल राय ने कहा कि कल भी देश के गृह मंत्री अमित शाह के पास ही दिल्ली की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी थी और आज भी यह जिम्मेदारी उन्हीं के हाथों में है। पुलिस और अन्य प्राधिकरण उनके अधीन हैं। ऐसे में, भाजपा यह बताने में विफल रही है कि अब तक दिल्ली की कानून व्यवस्था को क्यों नहीं सुधार पाए और अब कैसे सुधारेंगे। उन्हें इसकी स्पष्ट रूपरेखा जनता के सामने रखनी चाहिए।