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आतिशी होंगी दिल्ली की नई सीएम, ‘‘आप’’ विधायक दल की बैठक में सर्व सम्मति से लगी मुहर

सुषमा रानी

नई दिल्ली, 17 सिंतबर दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रही तमाम चर्चाओं को मंगलवार को विराम लग गया। मौजूदा शिक्षा एवं वित्त मंत्री आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में सर्व सम्मति से सभी विधायकों ने खड़े होकर आतिशी को अपना नेता चुन लिया। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बहुत ही घिनौना राजनीतिक षड्यंत्र रचकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं के ऊपर झूठे आरोप लगाए, उन्हें जेल भेजा और उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाकर दिल्ली सरकार को तोड़ने की कोशिश की। केजरीवाल ने दिलेरी के साथ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया और जनता की अदालत में जाने का ऐलान किया। अब चुनाव तक दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी आतिशी जी को दी गई है।

मनीष सिसोदिया ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी के हिस्से में आज मुख्यतः दो काम हैं। पहला, दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के इस्तीफ़े से और मोदी जी के षड्यंत्र से बेहद आहत हैं। कई लोग रो रहे हैं और वो चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल वापस सीएम बनें। आतिशी को दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर अरविंद केजरीवाल को दोबारा दिल्ली का सीएम बनाना है। दूसरा, अगले कुछ महीनों में दिल्ली की जनता को परेशान करने के लिए भाजपा, सीएम केजरीवाल द्वारा दी गई सुविधाओं को ख़त्म करने की पूरी कोशिश करेगी। फ्री बिजली बंद करने की कोशिश करेगी, स्कूल-अस्पतालों को ख़राब करने की कोशिश करेगी। फ्री दवाई बंद करने की कोशिश करेगी और नालों व सीवर सफ़ाई का काम बंद करने की कोशिश करेगी। आतिशी की यह ज़िम्मेदारी है कि भाजपा के इस आतंक से दिल्ली की जनता की रक्षा करेंगी। मुझे पूरा यक़ीन हैं कि आतिशी इन कठिन ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगी। मेरी हार्दिक शुभकाननाएउनके साथ है।

गोपाल राय ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री ने यह कोशिश की कि अरविंद केजरीवाल जेल के अंदर इस्तीफा दे दें, ताकि दिल्ली सरकार को गिराया जा सके। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के हितों में काम को जारी रखने के लिए निर्णय लिया कि जेल के अंदर इस्तीफा नहीं देंगे और जेल में रहकर सरकार चलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने जेल से सरकार चलाई भी। अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी ताकत ईमानदारी की ताकत है। अरविंद केजरीवाल ने अपनी ईमानदारी की ताकत से दिल्ली में इतना काम किया कि आज भारत की कोई भी राज्य सरकार नहीं कर पाई है। भाजपा द्वारा अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी के उपर कीचड़ उछाला गया। इसी के मद्देनजर सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेल से आने के बाद यह निर्णय लिया कि देश की सुप्रीम अदालत ने हमें जेल से बाहर किया है, लेकिन हम जनता की अदालत में जाएंगे। दिल्ली के लोग जब तक दोबारा उन्हें समर्थन नहीं देते हैं, तब तक दिल्ली का मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।

गोपाल राय ने कहा कि आतिशी को सभी विधायकों की तरफ से मुख्य रूप से दो जिम्मेदारी दी गई है। पहला, दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर भाजपा के सारे रूकावटों के बावजूद काम जारी रखेंगे। दूसरा, भाजपा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व मंे दिल्ली के लोगों के लिए जितने काम किए, उन सभी को रोकना चाहती है। भाजपा फ्री बिजली, पानी रोकना चाहती है। सरकारी स्कूलों को खराब करना चाहती है। मोहल्ला क्लीनिक बंद करना चाहती है, महिलाओं की बस यात्रा और बुजुर्गों की तीर्थयात्रा को रोकना चाहती है। भाजपा ने दिल्ली के बुजुर्गों की पांच महीने तक पेंशन रोक दी थी। आतिशी को जिम्मेदारी की गई है कि दिल्लीवालों के काम को रोकने की भाजपा के सारे षड़यंत्रों को विफल करना है। हम भाजपा के षड़यंत्रों से लड़ रहे थे। इसलिए नए मुख्यमंत्री को इस संघर्ष को जारी रखने की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा और उसकी सरकार के षड़यंत्रों से दिल्ली के कामों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारियों को लेकर नई सरकार का गठन होगा।

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