आगरा महानगर में पर्यटकों के लिये अतिरिक्त आकर्षण बढ़ाने की
स्टार न्यूज़ टेलीविजन आगरा
आगरा महानगर में पर्यटकों के लिये अतिरिक्त आकर्षण बढ़ाने की कोशिशों के उपयुक्त ‘ताजमहल से इतर आगरा’ (“Agra beyond the Taj”) के आकर्षणों के प्रचार प्रसार नीति के अनुकूल आगरा के मेट्रो स्टेशनों पर आगरा के कवियों, शायरों, संस्कृति आदि से संबंधित साहित्य एवं स्मृति चिन्हों की सहज उपलब्धता के लिए सोविनियर शापें /कियोस्क खोले जाने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव उ प्र पर्यटन विभाग एवं उ प्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन को 29-04-2924 को अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसायटी ने एक पत्र लिखे हैं।
आगरा पर्यटन प्रधान महानगर है, जैसा कि सर्वविदित है कि महानगर निवासियों में से बड़ी संख्या में इसी पर पर जीवन चर्या निर्भर है। अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक आयें और उनके आने के कारणों में मुगलकालीन इमारतों को देखने के अलावा नये आकर्षण शामिल हों। इसके लिए सरकारी विभाग,नागरिक संगठन ,पर्यटन व्यवसायी पर्यटन भी प्रयासरत रहते हैं। उनके द्वारा इसके लिए ‘ताजमहल से इतर आगरा’ (“Agra beyond the Taj”) अभियान के रूप में प्रचारित अभियान भी अपने अपने स्तर पर चलाया जाता रहा है। जो कि अपरोक्ष रूप से उ प्र पर्यटन विभाग की नीतियों के भी अनुरूप है।
आगरा की साहित्यकारों की नगरी के रूप में भी पहचान है, लेकिन महानगर की इस विशिष्टता के बारे में बाहर से आने वाले पर्यटक तो क्या स्थानीय नागरिक भी कम ही जानते हैं। इसका कारण साहित्यिक क्षेत्र की गतिविधियों और उपलब्धियों का कम प्रचार होना भी है।जबकि साहित्यिक विशिष्टता अपने आप में सुरुचि पूर्ण पर्यटन का विश्व भर में स्थापित कारण है।
सिविल सोसायटी का मानना है कि आगरा की साहित्यिक विशिष्टता कम ही प्रचार हुआ है। फलस्वरूप महानगर के साहित्यिक पक्ष के भी उपयुक्त प्रचार की जरूरत है। उ प्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) द्वारा आगरा में संचालित . मेट्रो रेल सेवा यह कमी दूर करने में अपना योगदान दे सकती है। जब से मेट्रो रेल सेवा का संचालन शुरू हुआ है, देशी-विदेशी पर्यटकों के द्वारा बड़ी संख्या में इसका उपयोग किया जाना शुरू हो चुका है। मेट्रो संचालन के आरंभिक चरण ताजमहल ईस्ट गेट ,बसई फतेहाबाद रोड, आगरा फोर्ट और मनकामेश्वर आदि सभी स्टेशन एवं रूट पर्यटन प्रधान क्षेत्र में ही हैं।
हम उल्लेख करना चाहेंगे कि प्रख्यात शायर नज़ीर अकबराबादी एवं गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा प्रशंसित एवं प्रख्यात आध्यात्मिक मार्ग दर्शक स्वामी नारायण के मंचों की शोभा रहे सत्य नारायण कविरत्न की तो यही क्षेत्र कर्म भूमि (साधना भूमि) ही रही है। महाकवि सूरदास , रसखान , मिर्जा गालिब, मीर तक़ी मीर, नज़ीर अकबराबादी से संबंधित प्रचलित वृतांतों से आगरा में कदम रखते ही हर कोई अपने को कनैक्ट मानने लगता है, भले ही उसे इन साहित्य-संस्कृति पुरोधाओं के बारे में ज्यादा सटीक जानकारियां नहीं हों।
प्रख्यात नाटककार एवं साहित्य सृजन हबीब तनवीर द्वारा बाजारों,रिवायतों( traditions), शहरियों ( locals) के मौज मस्ती भरे मिजाज की जानकारी से ‘रू ब रू’ करवाने वाले ‘आगरा बाजार ‘ नाटक का स्ट्रीट थियेटर के रूप में किया मंचन यहीं की सड़कों पर बिखरी संस्कृति का परोक्ष परिचायक है। यहां की गलियों में रची बसी भाईचारा की यह संस्कृति आगरा की विशिष्ट पहचान है। सौहादृता , सहिष्णुता भूल ही चुके दुनिया के अनेक देशों के आने वाले भ्रमणार्थी इसे जानने समझने के बाद इसके वैश्विक महत्व को स्वीकारते है और इसके प्रचार प्रसार की आवश्यकता महसूस करते हैं।
उपरोक्त तथ्यों से दृष्टिगत आगरा के बुद्धिजीवियों के एक मंच के रूप में अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसायटी का अनुरोध है कि आगरा की इस सांस्कृतिक विशिष्टता के प्रचार प्रसार में आगरा मेट्रो रेल सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिये। हमारा अनुरोध है कि उप्र पर्यटन विभाग आगरा के उन सभी मेट्रो स्टेशनों पर आगरा के साहित्य साधकों की जानकारी देने वाले सूचनात्मक /प्रचार पट लगवाये जो कि पर्यटन क्षेत्र में पडते हैं। साथ ही मेट्रो के कोचों में उनके द्वारा रचे गये कविता/दोहे आदि भी कलात्मक रूप से प्रदर्शित अंकित करवाये।
इसी के साथ सुश्री आत्मीय इरम ने भी आग्रह किया के – कि मेट्रो स्टेशनों और उनके परिसरों में सोविनियर शॉप और कियोस्क भी खुलवाया जाए जहां से पर्यटक आगरा के कवियों, शायरों, संस्कृति आदि से संबंधित साहित्य की पुस्तकें , फोटो, पेंटिंग आदि यादों के रूप में संजोने को खरीद सकें।
उपरोक्त जानकारी संज्ञान में लाए जाने का प्रयास जरूर पहली बार किया है किंतु दुनिया के कई देशों में सुरुचि पूर्ण पर्यटन को बढावा देने के लिये यह प्रचलन में है। मैं उल्लेख करना चाहूंगा कि डबलिन के DART (डबलिन एरिया रैपिड ट्रांजिट); लंदन अंडरग्राउंड; मॉस्को मेट्रो; न्यूयॉर्क सिटी सबवे; पेरिस मेट्रो; स्टॉकहोम मेट्रो; टोरंटो ट्रांजिट कमीशन (TTC) आदि महानगरों की मेट्रो परिवहन प्रणालियों ने अपने महानगरों की साहित्यिक गतिविधियों और विरासत को अपने सामाजिक दायित्वों के रूप में अपनाया हुआ है। मेट्रो स्टेशन पर अंकित कवितायेँ, यात्रियों के मन मस्तिष्क पर अनुकूल असर डालती हैं. मेट्रो के लिए इंतज़ार करते हुए या यात्रा करते हुए यह मनोरंजन के साथ मन को भी शांति प्रधान करती हैं.
श्री राजीव खंडेलवाल ने कहा कि अगर हमारे प्रयास कामयाब हो सके तो आगरा मेट्रो में कविता का प्रदर्शन करके हम अपने पर्यटन आधार को विविधता प्रदान करेगा , इसे अन्य पर्यटन स्थलों से अलग पहचान दिला सकते हैं। साहित्य व संस्कृति में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिये यह विशिष्ठ आकर्षण हो सकता है।
प्रेस वार्ता संबोधित करते हुए श्री खंडेलवाल ने ‘पोइट्री इन मोशन’ के विश्व भर में प्रचलित होने की जानकारी देते हुए मल्टी मीडिया पर एक पी पी टी प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया
उन्होंने बताया कि एक वैश्विक आंदोलन को अपनाना दुनिया भर में, प्रत्येक कविता कार्यक्रम अपने स्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को अनूठे तरीके से दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय कवियों और समुदाय के साथ प्रासंगिक विषयों का प्रचलन भी बढाता है।
श्री खंडेलवाल के द्वारा अपने पी पी टी के माध्यम से ‘पोइट्री इन मोशन’ की जानकारियां प्रस्तुत की गयी। लगभग तीन दर्जन स्लाइडों के इस प्रेजेंटेशन में से कुछ में अंकित है
आगरा की कविता की गौरवशाली विरासत के रूप में नज़ीर अकबराबादी (Nazeer Akbarabadi), मीर तक़ी मीर (Mir Taqi Mir), और ओम ठाकुर (Om Thakur) जैसे महान, एवं समकालीन कवियों की रचनाएँ प्रस्तुत कर सकेंगे। —–
आइए हम सभी मिलकर इस पहल का समर्थन करें और आगरा को केवल एक
पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि एक समृद्ध सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी
स्थापित करने में मदद करें ।
भारत में भी इसी समतुल्य कई बेस्ट प्रैक्टिस प्रचलन में हैं।
अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसायटी का मानना है कि आगरा मेट्रो रेल सेवा के द्वारा भी अगर इसे सामाजिक सरोकारों की अपनी पहल के रूप में स्वीकारा जाता है,तो आगरा के पर्यटन में तो सुझाव एवं अनुरोध पर उदारता से विचार करने का अनुरोध है ।
आज की वार्ता में राजीव खंडेलवाल, आत्मीय इरम , विनय अम्बा, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा, कांति नेगी आदि मौजूद रहे.
आगरा से पत्रकार अमीन अहमद की रिपोर्ट