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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली के हक का पानी नहीं दे रही- प्रियंका कक्कड़

सुषमा रानी

नई दिल्ली, 11 जून हिमाचल प्रदेश से दिल्ली को मिल रहे अतिरिक्त पानी को हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा रोकने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली को उसके हक का पानी नहीं दे रही है। उसने हिमाचल से 137 क्यूसेक और दूसरे माध्यमों से दिल्ली को मिल रहे 200 क्यूसेक पानी को भी रोक दिया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को अतिरिक्त पानी देने का आदेश दिया था और यह पानी हरियाणा होते हुए दिल्ली आना था, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा इसे रोका जा रहा है। वहीं, एलजी कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार हरियाणा सरकार पर ग़लत आरोप लगा रही है। लगता है कि उनको सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मालूम है। एलजी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वो भाजपा के लिए नहीं, दिल्लीवालों के लिए जवाबदेह हैं। अगर वो चाहते तो हरियाणा सरकार से बात कर यह मामला सुलझा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर रहे हैं।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हमने कोर्ट को बताया कि इस बार मानसून आने में देरी हो रही है। 30 जून 2024 तक मानसून आने की संभावना है। इसलिए पानी की कमी को पूरा करने के लिए हमें थोड़े समय के लिए यह व्यवस्था चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून 2024 को एक आदेश दिया। इसके तहत सब स्टेक होल्डर्स की मीटिंग हुई और मीटिंग के बाद 6 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी हिमाचल प्रदेश देने को तैयार है। भाजपा की हरियाणा इस पानी को बिना किसी रुकावट के हथिनीकुंड बैराज से होते हुए दिल्ली आने दे। लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश से आने वाला 137 क्यूसेक पानी तो रोका ही, साथ ही एक दूसरे चैनल से दिल्ली आने वाले 1050 क्यूसेक पानी में से 200 क्यूसेक की सप्लाई भी रोक दी है।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एलजी साहब कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार बिना किसी कारण हरियाणा सरकार पर आरोप लगा रही है। क्या एलजी साहब को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की जानकारी नहीं है? उनको ये समझना चाहिए कि वो दिल्ली के एलजी हैं और दिल्ली के लोगों के लिए हैं। दिल्ली की समस्याओं को सुलझाने के लिए एलजी बने हैं न कि उनकी जवाबदेही भाजपा के हेडक्वार्टर पर है। अगर एलजी चाहते तो इस मामले का हल निकलवा सकते थे। वो केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को कह सकते थे कि हरियाणा दिल्ली के ट्रीटेड पानी को लेकर कृषि में इस्तेमाल कर ले, लेकिन दिल्ली के हक का पानी न रोके। ऐसा भी संभव था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और इस विषय पर राजनीति की। जैसा कि उन्हें भाजपा हेडक्वार्टर से मिले थे। हमारी अपील है कि इतनी भीषण गर्मी में हमने कुछ समय के लिए यह व्यवस्था मांगी है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिए है। तो भाजपा को अपनी गंदी राजनीति बंद करनी चाहिए। बीते चुनाव के सबक लेना चाहिए और दिल्ली के पानी को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

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